सीपीएम ने गुरुवार को कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी यदि संघ को उसका इतिहास याद दिलाते तो अच्छा होता. जबकि भाकपा ने बहुलतावादी और समग्र समाज को असल भारत के रूप में उल्लेखित करने के लिए उनके भाषण की सराहना की.
He would have done well to remind the RSS of its own history - banned thrice by Congress governments, first time by Sardar Patel, following Mahatma Gandhi's assassination. "RSS men expressed joy and distributed sweets after Gandhiji’s death", Patel wrote to Golwalkar.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 7, 2018
नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में मुखर्जी के भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का अपने भाषण के दौरान जिक्र नहीं करने के लिए उनसे (मुखर्जी) से सवाल किया.
In the "history capsule" delivered by Pranab Mukherjee at the RSS headquarters, the absence of Mahatma Gandhi and his assassination speaks volumes.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 7, 2018
माकपा नेता ने ट्वीट किया कि मुखर्जी को आरएसएस को उसका इतिहास याद दिलाना चाहिए था.
वहीं दूसरी ओर भाकपा ने मिलीजुली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका भाषण अपेक्षा के अनुरूप ही था.
भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि हालांकि हमारा मानना है कि उन्हें आरएसएस के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था लेकिन प्रणब दा ने अपने भाषण में जो कुछ कहा, उनसे उसी की उम्मीद थीं.
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