राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय नागपुर में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भाषण आखिरकार गुरुवार को संपन्न हो गया. कार्यक्रम आयोजित होने से पहले तरह-तरह के विवाद हुए. कांग्रेस के अलग-अलग नेता अपनी-अपनी सलाह देते दिखे. कुछ ने कहा कि प्रणब दा को संघ मुख्यालय नहीं जाना चाहिए तो कुछ का मत था कि पूर्व राष्ट्रपति कहीं भी आने-जाने के लिए आजाद हैं. प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम में जाने से पहले और भाषण संपन्न होने के बाद कांग्रेस का क्या रुख रहा, आइए जानते हैं.
कार्यक्रम से पहले कांग्रेस के बयान और ट्वीट
बात सबसे पहले सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल की. पटेल ने प्रणब दा के भाषण से ठीक पहले एक ट्वीट कर कहा कि प्रणब मुखर्जी से ऐसी उम्मीद नहीं थी.
I did not expect this from Pranab da ! https://t.co/VBqXZ8x7SE
— Ahmed Patel (@ahmedpatel) June 6, 2018
पटेल के इस ट्वीट ने राजनीति सरगर्मियां बढ़ा दीं कि क्या प्रणब मुखर्जी का कार्यक्रम होगा या निरस्त होगा.
इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पत्र लिखकर प्रणब मुखर्जी को संघ के कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की. रमेश ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि इस कदम से प्रणब मुखर्जी के पूरे राजनीतिक जीवन पर एक प्रश्नचिह्न लग सकता है. पूर्व राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में जयराम रमेश ने खुद को उनका राजनीतिक अनुयायी बताया.
इसी क्रम में दिल्ली कांग्रेस की महिला अध्यक्ष और प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने ट्वीट करके कहा था कि आरएसएस भी यह कल्पना नहीं कर सकता कि आप अपने भाषणों में उनके विचारों को बढ़ावा देंगे. लेकिन भाषणों को भुला दिया जाएगा और तस्वीरें याद रह जाएंगी.
Hope @CitiznMukherjee now realises from todays’ incident, how BJP dirty tricks dept operates. Even RSS wouldn’t believe that u r going 2 endorse its views in ur speech. But the speech will be forgotten, visuals will remain & those will be circulated with fake statements. 1/2
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 6, 2018
उन्होंने अपने पिता के बारे में और कहा,'आप नागपुर जाकर बीजेपी और आरएसएस को फर्जी खबरें फैलाने और किसी ना किसी तरह विश्वसनीय बनाने की सुविधा दे रहे हैं. यह सिर्फ शुरुआत है.'
कुछ ऐसा ही बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा का आया. उन्होंने प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम में शामिल होने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दुखी होने की बात उठाई.
The images of Pranab Da, veteran leader and ideologue at RSS Headquarters have anguished millions of Congress workers and all those who believed in pluralism, diversity and the foundational values of the Indian Republic.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) June 7, 2018
आनंद शर्मा ने ट्वीट में कहा कि प्रणब मुखर्जी का संघ मुख्यालय जाने का फैसला उन सभी लोगों को निराश करेगा जो बहुलता, विविधता में एकता और भारतीय गणराज्य के मूल्यों में भरोसा रखते हैं.
प्रणब मुखर्जी के भाषण के बाद कांग्रेस का रुख
संघ मुख्यालय में प्रणब मुखर्जी का भाषण समाप्त होने के बाद कांग्रेस नेताओं ने अपनी-अपनी राय जाहिर की. कांग्रेस कार्यालय में पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर पार्टी की राय रखी.
Dr.Mukherjee's visit to the RSS HQ had led to a wide range of discussions and concerns. Today Pranab Mukherjee has shown the mirror to RSS at their HQ. He talked of plurality, tolerance and multiculturalism: Randeep Surjewala,Congress pic.twitter.com/FCrmWQGY9n
— ANI (@ANI) June 7, 2018
सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के मुख्यालय में संघ को आईना दिखा दिया. उन्होंने बहुलता, सहिष्णुता और विविध संस्कृति की बात की.
Shri Pranab Mukherjee has reminded the RSS of the history of India. He taught the RSS that India's beauty lies in its tolerance for difference ideas, religions and languages. Is RSS ready to listen? :Randeep Surjewala,Congress pic.twitter.com/D6dg60ccpn
— ANI (@ANI) June 7, 2018
सुरजेवाला ने आगे कहा, 'प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस को भारत के संविधान की याद दिलाई. उन्होंने संघ को सिखाया कि भारत की खूबसूरती अलग-अलग विचारों, धर्मों और भाषाओं को लेकर परस्पर सहिष्णुता में है.
सुरजेवाला के बयान के बाद आनंद शर्मा की भी टिप्पणी सामने आई. उन्होंने अपने पहले किए गए ट्वीट में प्रणब मुखर्जी का संघ मुख्यालय में जाने का विरोध किया था लेकिन बाद में उनके सुर बदल गए.
We did not see the tricolour go up or the national anthem being sung at the RSS HQ. There was never any doubt of Pranab Mukherjee's ability to articulate and his conviction, but for dialogue the other side must listen and change,hope RSS does it: Anand Sharma,Congress pic.twitter.com/6kDxJ6wTRJ
— ANI (@ANI) June 7, 2018
शर्मा ने कहा, हमने संघ मुख्यालय में न तो तिरंगा फहरते देखा और न ही राष्ट्रगान बजते सुना. प्रणब मुखर्जी की स्पष्टता और प्रतिबद्धता को लेकर हमें कभी संदेह नहीं था लेकिन संवाद के लिए दूसरे पक्ष का भी तैयार होना जरूरी है.
कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी भाषण समाप्त होने के बाद प्रणब मुखर्जी का बचाव किया. एक टीवी चैनल पर चर्चा के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि कांग्रेस के किसी प्रवक्ता ने कभी आधिकारिक तौर पर प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम का विरोध नहीं किया था. अगर किसी नेता ने विरोध किया तो वह उसका निजी विचार हो सकता है.
इसी क्रम में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी प्रणब मुखर्जी के भाषण की तारीफ की. उन्होंने संघ के कार्यक्रम में गुरुवार को कांग्रेस की विचारधारा को आगे रखने के लिए पूर्व राष्ट्रपति की जमकर सराहना की.
Happy that Mr Pranab Mukherjee told the RSS what is right about Congress' ideology. It was his way of saying what is wrong about RSS' ideology
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) June 8, 2018
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगवार के घर जाकर उनकी तस्वीर पर फूल चढ़ाए. इस दौरान प्रणब मुखर्जी का स्वागत आरएसएएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया.
प्रणब मुखर्जी ने हेडगवार को भारत मां का सपूत बताया. उन्होंने हेडगवार के जन्मस्थान पहुंचकर विजिटर बुक में लिखा कि 'आज मैं भारत माता के एक महान सपूत को अपना सम्मान जाहिर करता हूं और श्रद्धांजलि देता हूं.'
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