दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीलिंग के मुद्दे पर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. पिछले दो-तीन सालों में ‘आप’ सरकार के कार्यकाल में शायद यह पहला मौका होगा, जब किसी मुद्दे को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई हो. केजरीवाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक कई मायनो में अहम साबित हो सकती है.
दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में इस सर्वदलीय बैठक की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि यह सर्वदलीय बैठक अरविंद केजरीवाल ने बुलाई है. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक स्वभाव से यह निर्णय मेल नहीं खा रहा है. अरविंद केजरीवाल के मन में जरूर कुछ न कुछ नए राजनीतिक समीकरण की संभावना हिलोरें मार रही हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हाल के कुछ वर्षों के अनुभव के आधार पर कह सकते हैं कि अरविंद केजरीवाल किसी समस्या का समाधान निकालने में सामूहिक निर्णय को कम, अपनी ज्यादा चलाते हैं. अरविंद केजरीवाल द्वारा किया गया मौजूदा पहल उनके स्टाइल से बिल्कुल ही अलग है.
राजनीतिक विश्लेषकों के द्वारा यह जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिर वह कौन सी वजह है, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल को सर्वदलीय बैठक बुलाने की जरूरत आन पड़ी?, आखिर वह कौन सी राजनीतिक समीकरण बनने वाली है, जिसकी चर्चा दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में पिछले कई दिनों से चल रही है?
सर्वदलीय बैठक केजरीवाल की आदत नहीं
वहीं आप के रणनीतिकार अरविंद केजरीवाल इस सर्वदलीय बैठक के जरिए कौन सा नया दांव खेलने वाले हैं? विरोधियों को चित करने के लिए अरविंद केजरीवाल की यह कौन सी चाल है? इन सारी बातों पर से मंगलवार 12 बजे के बाद ही पर्दा उठ सकेगा.
लेकिन, उससे पहले इन समीकरणों को नजदीक से समझने से पता चलता है कि यह सारी कवायद साल 2019 लोकसभा चुनाव में अपने वोटबैंक को बचाए रखने को लेकर की जा रही है. साल 2019 लोकसभा चुनाव और दिल्ली की अगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल कुछ नए समीकरण बनाने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, दूसरी तरफ कुछ लोग इसे राजनीतिक शिगूफा करार देते हैं.
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आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल मंगलवार को खुद मीडिया के सामने आ कर सर्वदलीय बैठक में उठाए गए मुद्दों को सबके सामने रख सकते हैं. अरविंद केजरीवाल सीलिंग के मुद्दे पर या तो एकला चलो की नीति पर काम करेंगे या फिर कांग्रेस को भी साथ लेकर चलेंगे?
पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस पार्टी अरविंद केजरीवाल पर डायरेक्ट हमला करने से बच रही है. दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने सीलिंग के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद भी दिया है.
इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने सीलिंग के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा था. रविवार को अरविंद केजरीवाल का पत्र मिलने के बाद अजय माकन ने ट्वीट कर अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद दिया.
कांग्रेस ने मीटिंग में आने की दे दी है सहमति
कांग्रेस पार्टी ने बैठक में आने के लए अपनी सहमति दे दी है, लेकिन बीजेपी नेताओं का इस बैठक में आने पर अभी भी सस्पेंस बना हआ है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि इसकी क्या गारंटी है कि इस बार भी अरविंद केजरीवाल नेता प्रतिपक्ष पर हमला न करा दें?
आपको बता दें कि 5 जनवरी 2018 को सीलिंग के मुद्दे पर ही नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी सहित दिल्ली के सभी विधायक और सांसद केजरीवाल से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. इस मीटिंग के दौरान ही अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों के साथ बीजेपी नेताओं की नोक-झोंक शुरू होने लगी. विवाद इतना बढ़ा कि बीजेपी नेताओं ने एफआईआर तक दर्ज करा दी.
पिछले कई मौकों पर दिल्ली की आप सरकार किसी-किसी मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाती रही है. ईवीएम से लेकर और कई दूसरे मुद्दों को लेकर भी हाल के दिनों में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. लेकिन, आखिर वह कौन सी वजह है कि दिल्ली में सीलिंग शुरू हुए लगभग तीन महीने होने को हैं और केजरीवाल सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है? केजरीवाल सरकार सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती थी? आज तीन महीने बाद क्यों दिल्ली के सीएम को सर्वदलीय बैठक बुलाने की जरूरत आन पड़ी है?
बीजेपी के साथ बैठक में पहले भी हो चुकी है झड़प
आपको बता दें कि इस सर्वदलीय बैठक में बीजेपी की शामिल होने पर अभी भी आशंका बनी हुई है. दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी इस बैठक में शामिल होने के लिए हामी भर दी है.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस बात की क्या गारंटी है कि आप की लीडरशीप बीजेपी नेताओं और कांग्रेस नेता की बातों को अहमियत देगी? पिछले तीन सालों से विधानसभा के अंदर बीजेपी के तीन विधायकों को अंदर-बाहर किया जाता रहा है. हमारी बातों को विधानसभा के अंदर जब तबज्जो नहीं दिया जाता तो इसकी क्या गारंटी है कि वह सर्वदलीय बैठक में हमारी बातों को ध्यान से सुनेंगे?
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कुल मिलाकर दिल्ली की जनता खासकर सीलिंग से त्रस्त व्यापारियों को इस सर्वदलीय बैठक से कुछ खुशखबरी मिले, इसकी संभावना बिल्कुल न के बराबर है. हां, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सर्वदलीय बैठक के बाद कुछ कदम उठाने के संकेत जरूर दे दें, जिसकी चर्चा पिछले कुछ दिनों से दिल्ली की राजनीतिक गलियारे में चल रही है.
हकीकत में दिल्ली की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियां सीलिंग के मुद्दे को भुनाने के लिए अपने-अपने तीरेके से प्रयास कर रही है. कोई भी राजनीतिक पार्टी जनता के सामने सीलिंग के मुद्दे पर विलेन नहीं बनना चाहती है.
एक तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि सीलिंग के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठने की जरूरत है, वहीं बीजेपी और कांग्रेस भी केजरीवाल की चाल को अच्छी तरह समझ कर गोल-मटोल जवाब दे रही है.
इसके बावजूद कांग्रेस नेता अजय माकन ने बीते शनिवार को अरविंद केजरीवाल को खत लिख कर एक सकारात्मक राजनीति की शुरुआत की थी. अजय माकन और अरविंद केजरीवाल की यह पहली सकारात्मक राजनीति की शुरुआत नहीं है. इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी दिल्ली के प्रमुख सचिव विवाद मामले में अरविंद केजरीवाल को अपरोक्ष तौर पर समर्थन दे चुकी है.
राष्ट्रपति के साथ मॉरिशस चले गए हैं मनोज तिवारी
दूसरी तरफ सीएम अरविंद केजरीवाल के द्वारा बुलाई गई इस बैठक में दिल्ली के सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के शामिल होने पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. मनोज तिवारी भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के प्रतिनिधिमंडल के साथ इस समय मॉरिशस के दौरे पर हैं. यह प्रतिनिधिमंडल 15 मार्च तक देश लौटेगा. ऐसे में मंगलवार को मनोज तिवारी का पहुंचना संभव नहीं लग रहा है.
मनोज तिवारी ने भी अरविंद केजरीवाल के खत का जवाब दिया है. मनोज तिवारी ने कहा है, ‘मैं महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी की 4 दिवसीय विदेश यात्रा में हूं. इसके लिए प्रधानमंत्री जी और महामहिम राष्ट्रपति जी को सादर धन्यवाद. इस कारण मैं कल 11 मार्च 8 बजे सुबह से 15 मार्च रात्रि तक मोरिशस और मेडागास्कर की यात्रा पर रहूंगा. इस जिम्मेदारी की सूचना मुझे 5-6 दिन ही पहले ही मिली. इन 5 दिनों में मैंने दिल्ली और यूपी में कई कार्यक्रम दिए हुए थे जिसकी तिथि बदलनी पड़ी या रद्द करनी पड़ी. मैं उन सभी मित्रों और संस्थाओं से क्षमा चाहता हूं.’
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मनोज तिवारी ने आगे लिखा है, ‘दिल्ली से निकलते ही दिल्ली के सीएम साहब का पत्र भी मिला, जबकि उनको पता है कि मैं 200 साल पहले बिहार, यूपी से पानी के रास्ते निकले अपने पुरखों की वर्तमान पीढ़ी से मिलने आया हूं और महामहिम राष्ट्रपति जी के साथ हूं. हद हो गई कुटिल राजनीति की.’
दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों के द्वारा यह कौन सी राजनीति हो रही है यह अपने आप में ही एक बड़ा सवाल है. उस पर केंद्र की चुप्पी ने मामले को और गंभीर बना दिया है. एक तरफ कांग्रेस सीलिंग के मुद्दे पर दिल्ली सरकार पर लगातार राजनीति करने के आरोप लगाती है तो वहीं सर्वदलीय बैठक में बुलाने के लिए धन्यवाद भी दे देती है.
ऐसे में कह सकते हैं कि सर्वदलीय बैठक के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही है. दिल्ली की तीन बड़ी राजनीतिक पार्टियां इस सर्वदलीय बैठक के नाम अपना-अपना नफा-नुकसान का आंकलन करने में लगी हुई है. व्यापारियों की हित की चिंता किसी को भी नहीं है.
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