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बागपत में पीएम मोदी की रैली: चार साल बाद भी चार्म बरकरार

मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के बाद बागपत की रैली के इस माहौल का महत्व भी काफी बड़ा है, क्योंकि, बागपत चौधरी अजित सिंह का क्षेत्र रहा है

Updated On: May 27, 2018 07:56 PM IST

Amitesh Amitesh

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बागपत में पीएम मोदी की रैली: चार साल बाद भी चार्म बरकरार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बागपत के खेखरा स्पोर्टस ग्राउंड में जब रैली को संबोधित करने पहुंचे तो वहां मौजूद भीड़ के उत्साह को देखकर उन्होंने कहा ‘चार साल पहले आपने अपार समर्थन के साथ पूरे देश की सेवा करने का अवसर दिया. मई की इस गर्मी में जब दोपहर का सूरज इतना तप रहा है, आपका इतनी बड़ी संख्या में हम सबको आशीर्वाद देने आना इस बात का गवाह है कि चार साल में हमारी सरकार देश को सही दिशा में ले जाने में सफल रही है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बागपत रैली में दिए इस बयान में काफी हद तक हकीकत भी दिख रही थी. मई की तपतपाती दोपहरी में पश्चिमी यूपी के बागपत के खेखरा में काफी तादाद में युवा, महिला, बूढ़े सब पहुंचे थे. उनके भीतर वही उम्मीद की किरण दिख रही थी जो कि चार साल पहले हुआ करती थी. जाटों के गढ़ बागपत में मोदी मैजिक का असर दिख रहा था जिनकी एक झलक पाने के लिए सभी लालायित थे.

नजर आया 2014 जैसा जादू

मोदी के भाषण के दौरान लगातार मोदी-मोदी के लग रहे नारे एक बार फिर से 2014 की याद दिला रहे थे. मोदी सरकार के चार साल पूरे होने के बाद बागपत की रैली के इस माहौल का महत्व भी काफी बड़ा है, क्योंकि, बागपत चौधरी अजित सिंह का क्षेत्र रहा है.

चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ाने के नाम पर राजनीति कर रहे उनके बेटे चौधरी अजित सिंह को पिछली बार जाटलैंड बागपत में हार का मुंह देखना पड़ा था. यह मोदी लहर का ही असर था जिसके दम पर पूर्व मुंबई कमीश्नर सत्यपाल सिंह ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर बागपत जैसी परंपरागत मजबूत सीट से आरएलडी अध्यक्ष अजीत सिंह को मात दे दी थी.

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आरएलडी नेता अजीत सिंह

यहां तक कि लाख कोशिश के बाद भी पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी आरएलडी को मुंह की खानी पड़ी थी. मोदी का जलवा तब भी बरकरार था. अब एक बार फिर जब 2019 के लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है तो फिर से मोदी बागपत पहुंच गए. हालाकि इस बार बहाना ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन ही था, लेकिन, इसके लिए बागपत का चुनाव करना अपने-आप में मोदी की रणनीति को ही दिखाता है.

क्यों अहम है जाटलैंड?

बागपत जाटलैंड के नाम से जाना जाता है और पश्चिमी यूपी की सियासत की दशा-दिशा तय करने में जाटों का बड़ा अहम रोल माना जाता है. मोदी जाटलैंड से विकास का बिगुल फूंककर यह दिखाना चाह रहे थे कि आपने मुझे जो जिम्मा दिया उसको हम बखूबी निभा रहे हैं.

इससे पहले रविवार सुबह-सुबह दिल्ली में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने के बाद मोदी 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पैरिफेरेल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करने बागपत में थे. हरियाणा के कुंडली से यूपी के बागपत-गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर होते हुए यह एक्सप्रेस वे हरियाणा के पलवल तक बना है. इन दोनों एक्स्प्रेव से राजधानी दिल्ली के साथ-साथ यूपी और हरियाणा के लोगों को काफी फायदा होगा. दिल्ली पर वाहनों का बोझ भी कम होगा और प्रदूषण भी नियंत्रण में रहेगा.

बेरोजगारी का मुद्दा अहम

ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने इसे विकास के प्रतीक के तौर पर पेश किया. बागपत में मोदी की रैली में आए लोगों को मोदी का अंदाज खूब भा रहा था. उन्हें मोदी से उम्मीदें हैं. उनको लगता है कि मोदी उनकी समस्याओं का निदान कर सकते हैं.

रैली में शामिल होने आए बागपत के सांकरौध गांव के चौधरी सहदेव सिंह ने बताया ‘मोदी सबसे बेहतर हैं. वो बेहतर काम कर रहे हैं.’ फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में उनका दावा था कि ‘मोदी को लेकर अभी भी लोगों के भीतर प्यार बरकरार है. लेकिन, उनका कहना था कि सरकार को किसानों के मुद्दे पर और बेरोजगारी के मुद्दे पर कुछ और बेहतर करने की जरूरत है.’

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बागपत के मवीकलां के युवा वरुण कुमार चौधरी रैली में शामिल होने के लिए कुछ और युवाओं की टोली के साथ पहुंचे थे. बातचीत के दौरान उनका भी कहना था कि ‘हम लोग हर हाल में मोदी जी के साथ रहेंगे. उनकी सरकार बेहतर काम कर रही है.’

इसके अलावा रैली में शामिल और भी लोगों से बात करने के बाद ऐसा लगा कि मोदी को लेकर उनकी कोई शिकायत नहीं है. भले ही चार साल की सरकार के बाद उम्मीद से थोड़ा कम काम हुआ हो, लेकिन, उन पर अभी भी भरोसा बरकरार है.

कांग्रेस पर जमकर बरसे मोदी

मोदी भी इस बात को समझ रहे हैं. लिहाजा उन्होंने भी लगे हाथों कांग्रेस के विश्वासघात वाले बयान पर भी जवाब दे दिया. मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए बोला ‘चार साल बाद भी इतनी गर्मी में जनसैलाब उन्हें बौखला देता है. खुद उनका लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है. जनता के भरोसे पर मोदी ने कहा जिसके साथ आपका विश्वास हो, वो इनकी हरकतों से न कभी टूटता है, न कभी झुकता है.’

अपनी सरकार के चार साल पूरा होने के मौके पर 26 मई को मोदी कटक में थे. लेकिन, अगले ही दिन बागपत की रैली में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों का फिर से जिक्र किया. अपनी सरकार के 48 महीने बनाम कांग्रेस की सरकार के 48 साल के शासन की तुलना कर विकास की राह पर चलने का दावा भी किया.

सत्ता में आने के बाद मोदी ने कहा था कि चार साल तक सबको मिलकर विकास के लिए काम करना चाहिए, पांचवे साल राजनीति के लिए छोड़ देनी चाहिए. अब मोदी सत्ता के पांचवें साल में प्रवेश कर चुके हैं. अगले लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. अब लोकसभा चुनाव 2019 में एक साल से भी कम का वक्त बचा है.

जनता को पाई-पाई का हिसाब देने का वादा करने वाले मोदी के हर भाषण में अब सरकार के काम का ब्योरा होगा. विकास के और दावे भी होंगे. लेकिन, उनके निशाने पर इस बार एकजुट विरोधी होंगे जो आने वाली लड़ाई को मोदी बनाम ‘मोदी विरोधी मंच’ की लड़ाई में तब्दील करने पर उतारु हैं.

मोदी ने इसके लिए अभी से ही संकेत दे दिया है कि वो इस लड़ाई के लिए तैयार हैं. उन्होंने बागपत की रैली में विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘उस तरफ वो लोग हैं जिनके लिए उनका परिवार ही देश है. मेरे लिए मेरा देश ही परिवार है.’

कैराना में लोकसभा उपचुनाव 28 मई को

पश्चिमी यूपी के ही कैराना में लोकसभा और नूरपुर में विधानसभा का उपचुनाव भी 28 मई को होना है. इन चुनावों में एसपी, बीएसपी, आरएलडी और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने मिलकर बीजेपी के खिलाफ अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. इन चुनावों पर सबकी नजरें हैं, क्योंकि इन चुनावों से बीजेपी और मोदी के ग्राफ का आकलन भी होगा.

इसके पहले लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में बीजेपी ने इस पूरे इलाके में एकतरफा जीत दर्ज की थी. लेकिन, कैराना से अलग पश्चिमी यूपी के बागपत से मोदी की हुंकार और उसमें मौजूद भीड़ के उत्साह से लग रहा है कि मोदी को 2019 में मात देने के लिए विपक्षियों को अभी और मेहनत करनी पड़ेगी, क्योंकि मोदी का चार्म चार साल बाद भी बरकरार है.

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