छह महीने में दूसरी बार केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम के विकास की आधारशिला रख दी है. लेकिन, चार साल पहले आई भीषण त्रासदी के बाद केदारनाथ और आसपास के इलाकों में उस वक्त की तबाही के निशान आज भी जिंदा हैं.
केदारनाथ पहुंचे मोदी ने उस त्रासदी को याद कर एक बार फिर से तत्कालीन कांग्रेस की उत्तराखंड और केंद्र की सरकार पर आरोप लगा दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उस वक्त त्रासदी के बाद केदारनाथ को फिर से पटरी पर लाने की उनकी कोशिश को राजनीति के चलते रोक दिया गया. मोदी का इशारा उस वक्त के कांग्रेस आलाकमान की तरफ था.
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— ANI (@ANI) October 20, 2017
दरअसल, मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए केदारनाथ को फिर से पहले की तरह जगमग करना चाहते थे. लेकिन उस वक्त प्रदेश की हरीश रावत सरकार ने पहले हामी भरने के बाद उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. अब जबकि वो खुद प्रधानममंत्री हैं और देवभूमि उत्तराखंड में भी बीजेपी की ही सरकार बन गई है तो फिर मोदी उस पुराने दिन को याद कर तंज कस रहे हैं.
केदारनाथ में पूजा अर्चना करने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, शायद बाबा ने तय किया था कि ये काम बाबा के बेटे के ही हाथ से होगा.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से केदारनाथ के जीर्णोद्धार के लिए जिन विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है, उनके पूरा हो जाने के बाद दिव्य शक्ति और भक्ति के इस धाम में भक्तों के लिए बाबा भोले की राह आसान हो जाएगी. इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और तीर्थाटन भी होगा.
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केदारनाथ में यात्रियों की सुविधाओं के लिए मंदिर मार्ग को चौड़ा किया जाएगा. पूरे रास्ते को आरसीसी से बनाया जाएगा. गौरीकुंण से मंदिर जाने का पैदल रास्ता चौड़ा होगा. मंदाकिनी-सरस्वती के संगम पर घाट बनाया जाएगा. लाइटिंग की इस तरह की व्यवस्था की जाएगी जिससे भक्तों को सुविधा भी हो और प्रकृति की मनोरम छटा का आनंद लेते हुए भक्त बाबा भोले के द्वार तक पहुंचे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर केदारनाथ धाम में मौजूद पुरोहितों के लिए भी तीन मंजिला मकान बनाने की घोषणा की. पुरोहितों के मकान में सबसे निचले फ्लोर पर आम श्रद्धालु होंगे, जबकि सबसे उपरी फ्लोर पर उन पुरोहितों के जजमान होंगे. मकान के बीच वाले फ्लोर पर पुरोहित के रहने की व्यवस्था होगी.
केदारनाथ की तबाही में विलुप्त हो चुकी आदि गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल को भी फिर से बनाने की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की. लेकिन, इस मौके पर केदारपुरी में अपने संबोधन में मोदी ने भक्ति भाव के अलावा केदारनाथ के करीब मौजूद प्राकृतिक संसाधनों के दम पर उत्तराखंड के विकास के भरोसे को भी एक बार फिर से बढ़ाया. प्रधानमंत्री ने सिक्किम से तुलना करते हुए उत्तराखंड को ऑर्गेनिक राज्य बनाने का भरोसा दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन के शुरुआती दिन हिमालय के अंदर बिताए हैं. एक बार फिर से उन्होंने इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि मैं हिमालय का भटका हुआ इंसान हूं, मुझे यहां का अनुभव है. प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया कि अगले साल केदारनाथ में 10 लाख श्रद्धालु आएंगे.
मोदी की कोशिश केदारनाथ के विकास करने की है. उत्तराखंड में विकास की कई परियोजनाओं को लेकर मोदी प्रतिबद्ध हैं. उनकी तरफ से केदारपुरी में भी संदेश देने की कोशिश की गई कि केंद्र और राज्य की दोनों सरकारें मिलकर विकास के साथ-साथ यात्रा को सहज और सुगम बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोडेंगी. केदारपुरी से अपने संबोधन में मोदी ने केदारधाम से ही गुजराती नववर्ष की सबको शुभकामना भी दे दी.
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