लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर हुए चर्चा का जवाब देने के लिए पीएम मोदी ने शेरो-शायरी का सहारा लिया. उन्होंने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि 'न मांझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है'.
पीएम मोदी ने इस शायरी के माध्यम से विपक्ष के संख्या बल पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास न सीटें हैं, न पर्याप्त संख्या बल है फिर भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम विपक्ष ने किया. अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रस्ताव लोकतंत्र का परिचायक है, भले ही यह टीडीपी के माध्यम से आया है. तीस साल के बाद देश में पूर्ण बहुमत के साथ बनी हुई सरकार ने जिस गति से काम किया है उस पर फिर से एक बार विश्वास कीजिए.
पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष इस पर चर्चा कराने के लिए बेचैन था. उन्होंने कहा कि अगर इस पर 48 घंटे चर्चा नहीं किया जाता तो क्या भूकंप आ जाता?
मोदी सरकार के खिलाफ चार साल में पहली बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले आखिरी बार अविश्वास प्रस्ताव पीएम मोदी के मार्ग दर्शक अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के खिलाफ 2003 में लाया गया था. उस प्रस्ताव को खुद सोनिया गांधी लेकर आई थीं लेकिन इस बार इसे टीडीपी लेकर आई है. हालांकि कई विपक्षी पार्टियों ने इसका समर्थन किया है.
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