प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में ‘कृषक कल्याण रैली’ को संबोधित करने पहुंचे थे. लेकिन, मिदनापुर में मोदी ने किसानों को लेकर अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते-करते पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोल दिया. मोदी ने ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगाया कि यहां केवल एक सिंडिकेट काम कर रहा है, जिसके इशारे पर ही कुछ भी संभव है.
मोदी ने कहा ‘मां, माटी और मानुष की बात करने वालों का असली चेहरा सामने आ गया है. अब उनके सिंडिकेट के बारे में बंगाल के लोगों को पता चल गया है.’ मोदी ने कहा कि ‘दशकों के वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हालत में यहां तक पहुंचाया, आज बंगाल की हालत उससे भी बदतर होती जा रही है.’
मोदी ने एक कदम और आगे जाकर हमला बोलते हुए कहा कि ‘आज बंगाल में नई कंपनी खोलनी हो, नए अस्पताल खोलने हो, नए स्कूल खोलने हो या फिर नई सड़क बनानी हो, सिंडिकेट को बिना चढ़ावा दिए हुए यहां कुछ भी संभव नहीं हो सकता.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में ममता बनर्जी के गढ़ में जाकर उनकी सरकार के काम करने के तरीके पर सीधे प्रहार किया. सिंडिकेट का जिक्र कर मोदी ने ममता बनर्जी के शासन के तरीके पर ही सवाल खडा कर दिया. मोदी का सीधा हमला ममता बनर्जी पर था.
दरअसल, बीजेपी की रणनीति के केंद्र में पश्चिम बंगाल इस वक्त प्राथमिकता में है. अगले लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जो रणनीति बनाई है, उस रणनीति के तहत पश्चिम बंगाल की 42 में से 22 से ज्यादा सीटों पर जीत का लक्ष्य बीजेपी ने रखा है.
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में विकास के साथ-साथ वहां हो रही राजनीतिक हिंसा को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है. बीजेपी बंगाल के लोगों को बार-बार यह बता रही है कि किस तरह वहां विकास के काम में सरकार पिछड़ रही है. ममता बनर्जी के मजबूत जनाधार को तोड़ने की कोशिश में लगी बीजेपी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा को बडा हथियार बना रही है.
दरअसल, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. बीजेपी बंगाल की खराब कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाकर ममता बनर्जी पर लगातार हमलावर है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी पश्चिम बंगाल की अपनी रैली में कहा कि ‘बंगाल मौके के इंतजार में है, जल्द बंगाल जुर्म से मुक्त होने वाला है.’
बीजेपी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाती रही है. ममता सरकार के कई फैसले और सांप्रदायिक हिंसा के दौरान उठाए गए कदम को बीजेपी और भी आक्रामक अंदाज में उठा रही है. पूरे बंगाल की जमीनी हकीकत यही है कि धीरे-धीरे अब बीजेपी ही टीएमसी के खिलाफ विपक्ष की भूमिका में आ गई है. किसी जमाने में वामपंथ का गढ़ माना जाने वाला बंगाल और कांग्रेस की हालत वहां खस्ता है. ये दोनों दल लड़ाई में भी नहीं हैं.
पंचायत चुनाव में बीजेपी का बेहतर प्रदर्शन पार्टी के बढ़ते दबदबे को दिखाने वाला है. बीजेपी को पंचायत चुनाव के बाद एक नई उर्जा मिली है. अभी 28 जून को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रैली की सफलता के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली मिदनापुर में हुई है.
बीजेपी की तैयारी आने वाले दिनों में मोदी-शाह की और रैली कराने की है. अपने मिशन बंगाल के तहत 22 प्लस का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी के दिग्गज आने वाले दिनों में बंगाल के दौरे पर रहने वाले हैं. उनके निशाने पर ममता बनर्जी होंगी. मतलब साफ है, बीजेपी को घेरने के लिए देश भर में मोर्चेबंदी में लगी ममता बनर्जी को उनके ही किले में अब बीजेपी की घेराबंदी से जूझना होगा.
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