बिहार में चाचा-भतीजे यानी नीतीश-तेजस्वी की जुगलबंदी मंगलवार को भी सदन में जारी रही. सोमवार को चाचा नीतीश ने अपने बाबू यानी तेजस्वी पर तेज प्रहार किया था. लालू के लाल के करियर की चिंता, चाचा ने जताई थी. इसके बाद मंगलवार को बारी थी क्रिकेट में भी अपना करियर आजमा चुके बाबू यानी तेजस्वी की, जिन्होंने अपने चाचा नीतीश की गुगली पर फ्रंटफुट से बैटिंग की.
तेजस्वी ने कहा कि हमें खुशी है कि चाचा यानी नीतीश जी ने हमें बाबू बोला. हम चाहते हैं कि हम अगर गलत करें तो वो हमें पास बुलाएं, समझाएं, सिखाएं. लेकिन अगर वो हमें दंगा कराना, दंगा भड़काना और दंगा करने वालों को संरक्षण देना और जनादेश का अपमान करना सिखाएंगे तो हमें ऐसी सीख नहीं चाहिए.
सुनो बाबू राजनीति में लंबा कैरियर है। दंगा मत फैलाइये---नीतीश कुमार जी मुझ से
मेरा जवाब:-सुनो चाचा, अगर मुझे दंगा फैलाना होता तो मैं इन भाजपाई दंगाईयों के सहयोग से आज मुख्यमंत्री होता।
अब बोलिए, क्या कह रहे थे?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 27, 2018
नीतीश जी ने सदन में हमें बाबू बोला। हम चाहते हैं कि अगर हम गलत करें तो वो हमें पास बुलाएं, समझाएं, सिखाएं। लेकिन अगर वो हमें दंगा कराना, भड़काना, दंगाईयों को संरक्षण देना और जनादेश का अपमान करना सिखाएंगे तो हमें ऐसी सीख हरगिज़ नहीं चाहिए। बिल्कुल भी नहीं चाचा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 27, 2018
तेजस्वी ने कहा कि हमें राजनीति में सेवा करनी है. करियर नहीं बनाना है. यही नहीं तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि आप करियर बनाने के उद्देश्य से आए थे इसलिए सभी पार्टियों के साथ रहे है.
सदन के अंदर नीतीश जी को झूठा व्यक्तवय देने से टोकने पर उन्होंने झुँझलाहट में मुझसे सदन में कहा,”सुनो बाबू, राजनीति में लंबा कैरियर है”।
मैंने कहा, “चाचा, मैं राजनीति में सेवा करने आया हूँ कैरियर बनाने नहीं”
आप कैरियर बनाने के उद्देश्य से आए थे इसलिए सभी पार्टियों के साथ रहे है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 27, 2018
कुल मिला कर लालू के लाल अब नीतीश के बाबू बन गए हैं. तेजस्वी हमेशा नीतीश को चाचा कहते हैं. लेकिन नीतीश ने पहली बार उन्हें सोमवार को सदन में बाबू कहा. एक समय था जब राजनीति में कदम रखते ही तेजस्वी ना सिर्फ लोकतंत्र के मंदिर की सीढ़ियां चढ़ गए थे, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश के बगलगीर यानी उपमुख्यमंत्री बन गए थे.
तब तेजस्वी में नीतीश को बड़ा तेज नजर आता था और तेजस्वी को नीतीश में अपना चाचा. नीतीश-तेजस्वी में तब से ही चाचा-भतीजे की जुगलबंदी शुरू हुई थी. लेकिन वो दौर सत्ता साझेदारी का था, आज नीतीश सरकार में हैं और तेजस्वी नेता प्रतिपक्ष. तेजस्वी अब भी नीतीश को चाचा कहते हैं. लेकिन भाव बदल गया है. चाचा के साथ कुछ विशेषण लग गए हैं.
इधर पहली बार चाचा नीतीश ने तेजस्वी को बाबू कहा, वो भी जरा गुस्से में. पहली बार चाचा को भतीजे के करियर की चिंता हुई है. हालांकि अपने लाल के करियर की चिंता लालू को भी थी. तभी तो कहते हैं, पहले क्रिकेट में अपना करियर तलाश रहे बेटे तेजस्वी की लालू पैरवी किया करते थे. वहां बात नहीं जमते देख, लालू ने अपने क्रिकेटर लाल का करियर राजनीति में जमा दिया. लेकिन फिलहाल तो यही लग रहा है कि तेजस्वी विपक्षियों के खिलाफ बैटिंग करना नहीं भूले हैं.
(न्यूज18 हिंदी के लिए रूपेश कुमार की रिपोर्ट)
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