नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाईटेड) की कार्यकारिणी में इसका खुलासा कर दिया है कि बिहार में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ 'सम्मानजनक समझौता' हो गया है. इसके बाद लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता चिराग पासवान ने न्यूज18 को जानकारी दी है कि बीजेपी ने उनके साथ भी सीट शेयरिंग पर बातचीत शुरू कर दी है और इस हफ्ते सीटों की संख्या पर मुहर लग जाएगी. लेकिन एनडीए की तीसरी साझीदार राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) को न इसकी सूचना है और न ही नीतीश के बयान पर कोई भरोसा.
एलजेपी नेता चिराग पासवान ने बताया कि पिछले शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने सीट शेयरिंग पर बातचीत की पेशकश की और यह सही दिशा में आगे बढ़ रही है. यह पूछने पर कि नीतीश कुमार ने तो सीट शेयरिंग तय हो जाने की बात कही है, चिराग ने कहा, 'पहले उनसे (नीतीश) बात शुरू हुई होगी और समझौता हुआ होगा. इसलिए नीतीश ने ऐसा कहा है. अब हमसे बात हो रही है.'
चिराग ने उम्मीद जताई कि इस हफ्ते के आखिर तक सीटों के बंटवारे पर सहमति हो जाएगी. एलजेपी ने 2014 में सात सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. जिनमें से मोदी लहर का फायदा उठाते हुए छह पर जीत हासिल हुई थी.
वहीं आरएलएसपी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद ने सीट शेयरिंग पर किसी बातचीत को सिरे से खारिज कर दिया. आरएलएसपी को यह पता भी नहीं है कि बीजेपी ने जेडीयू के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय कर लिया है और राम विलास पासवान की पार्टी के साथ बातचीत चल रही है.
माधव आनंद ने बीजेपी से एनडीए दलों की बैठक बुलाने की मांग की. इसी तरह की मांग खुद उपेंद्र कुशवाहा करते आए हैं, लेकिन यह पूछने पर कि सीट शेयरिंग को लेकर अलग-अलग बातचीत हो गई और नीतीश ने तो ऐलान कर दिया है, माधव आनंद ने कहा, 'हम नीतीश के बयान पर भरोसा नहीं करते हैं और न टिप्पणी करेंगे. बीजेपी को बताना है. अगर नीतीश कुमार इतने ही आश्वस्त थे तो सीटों की संख्या का ऐलान क्यों नहीं किया?'
सीट बंटवारे का बिहार फॉर्मूला
न्यूज18 को मिली जानकारी के मुताबिक सीट शेयरिंग के 20-20 फॉर्मूले पर ही बातचीत चल रही है. तय रणनीति के मुताबिक बीजेपी एक साथ सभी एनडीए घटक दलों को बातचीत में शामिल नहीं कर अलग-अलग बात करेगी. बिहार की 40 सीटों में 20 पर बीजेपी का दावा है. जेडीयू के साथ पर्दे के पीछे हुई बातचीत में 14 सीटें देने पर सहमति बनी. बीजेपी, एलजेपी को चार सीटों का प्रस्ताव करेगी और दो सीटें उपेंद्र कुशवाहा के लिए छोड़ेगी.
हालांकि प्लान बी के कारण नीतीश ने भी संख्या बताने से परहेज किया. नीतीश कुमार यह चाहते हैं और बीजेपी को भी इसका आभास है कि उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी यादव के साथ विपक्षी खेमे में भी 'खीर' पकाएंगे. ऐसी स्थिति में जो दो सीटें हैं वे एक-एक नीतीश और राम विलास की पार्टी के खाते में चली जाएंगी.
यानी बीजेपी 20, जेडीयू 15 और एलजेपी 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कुशवाहा पर पशोपेश के कारण ही बीजेपी ने नीतीश कुमार को सख्त हिदायत दी है कि सीटों की संख्या के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी न की जाए. इसीलिए नीतीश कुमार ने पार्टी के नेताओं से कहा, 'सीट शेयरिंग पर एकदम पैनिक मत कीजिए. समझौता हो गया है और सम्मानजक समझौता हुआ है. हम अभी संख्या नहीं बताएंगे. हमारे अगल-बगल रहने वालों को भी यह मालूम नहीं है. कमिटमेंट है. उचित समय पर इसकी जानकारी देंगे.'
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