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आरक्षण के फैसले पर बोले हार्दिक पटेल- चुनाव से पहले यह मोदी के तरकश का आखिरी तीर था

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को चुनावी नौटंकी बताया है

Updated On: Jan 07, 2019 05:12 PM IST

FP Staff

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आरक्षण के फैसले पर बोले हार्दिक पटेल- चुनाव से पहले यह मोदी के तरकश का आखिरी तीर था

केंद्र सरकार ने गरीब सवर्णों को चुनावी तोहफा दिया है. उनके लिए 10 फीसदी आरक्षण का फैसला किया गया है. बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि नए साल का इससे बेहतर कोई और उपहार नहीं हो सकता. कैबिनेट ने फैसला किया है कि सालाना 8 लाख आमदनी या 5 एकड़ से कम खेती वाले सामान्य वर्ग को भी आरक्षण की सुविधा दी जाए.

जानकारी के मुताबिक, जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपए से कम है उन्हें इस आरक्षण का लाभ मिलेगा. आरक्षण के लिए सरकार मंगलवार को संवैधानिक संशोधन विधेयक लाएगी और इस पर चर्चा के लिए दो दिन संसद का शीतकालीन सत्र बढ़ाया जा सकता है.

इंडिया टुडे के मुताबिक, सरकार संविधान के आर्टिकल 15 और 16 में संशोधन करेगी. ये देनों संशोधन आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए होगा या जो जनरल कैटेगरी के अंदर आते हैं.

हालांकि इस मुद्दे पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है और सरकार पर विपक्ष हमलावर रुख अपना रहा है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे चुनावी नौटंकी बताया है. उन्होंने कहा, 'सरकार किस तरह से योजना बना रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा तय कर चुकी थी.'

सिंघवी ने कहा, 'आखिर सरकार को इस फैसले को लेने में 4 साल 8 महीने क्यूं लगे.' कांग्रेस के नजरिए पर सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि यह फैसला राजनीतिक रूप से प्रेरित था.

केंद्र सरकार के इस फैसले पर पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'यह चुनाव से पहले मोदी के तरकश का आखिरी तीर था. अगर यह लोगों को केवल लॉलीपॉप की तरह दिया जा रहा है तो यह गलत है. अगर इसे लागू नहीं किया गया तो मोदी सरकार को उचित जवाब मिलेगा.

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