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अपने बयान से मुकरा पाकिस्तान, कहा-बहावलपुर मदरसे का जैश से कोई संबंध नहीं

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोशल मीडिया में एक वीडियो पोस्ट कर कहा था कि पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसा सत्उल साबिर और जामिया-ए-मस्जिद सुबहानअल्ला पर प्रशासनिक नियंत्रण कर लिया है

Updated On: Feb 24, 2019 02:03 PM IST

Bhasha

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अपने बयान से मुकरा पाकिस्तान, कहा-बहावलपुर मदरसे का जैश से कोई संबंध नहीं

पाकिस्तान सरकार बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को अपने कब्जे में लेने के अपने पहले के दावे से मुकर गई है. पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को कहा कि इस परिसर का आतंकवादी संगठन से कोई संबंध नहीं है. जैश ए मोहम्मद ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRPF के जवानों पर हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है. बता दें कि 14 फरवरी को हुए इस हमले में 40 जवान मारे गए थे.

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोशल मीडिया में एक वीडियो पोस्ट कर कहा था कि पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसा सत्उल साबिर और जामिया-ए-मस्जिद सुबहानअल्ला पर प्रशासनिक नियंत्रण कर लिया है. इस आशय का निर्णय गुरुवार को राष्ट्रीय कार्य योजना के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में लिया गया. चौधरी ने बीते शुक्रवार को कहा था कि पंजाब सरकार ने, लाहौर से करीब 400 किमी दूर, बहावलपुर में कथित जैश के मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है लेकिन शनिवार को उन्होंने इससे मुकरते हुए कहा- यह एक मदरसा है और भारत दुष्प्रचार कर रहा है कि यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय है.

बीते शुक्रवार को गृह मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में किए गए निर्णय के अनुसार, जैश के संबंध में कार्रवाई की गई. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी सरकार शनिवार को कुछ स्थानीय पत्रकारों को बहावलपुर स्थित परिसर ले कर गई और दावा किया कि यह सामान्य मदरसा है और इसका जैश ए मोहम्मद से कोई संबंध नहीं है. पत्रकारों के साथ बहावलपुर के उपायुक्त शाहजैब सईद भी वहां गए थे. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि मदरसे और मस्जिद का मसूद अजहर से कोई संबंध है.

उन्होंने कहा- यहां करीब 600 छात्र पढ़ रहे हैं और उनमें से किसी का भी प्रतिबंधित संगठन से कोई संबंध नहीं है और न ही कोई किसी आतंकी गतिविधि में लिप्त है. मदरसे में गए एक स्थानीय पत्रकार ने कुछ छात्रों और शिक्षकों से बात की. उन्होंने कहा- जैश ए मोहम्मद और मसूद अजहर के बारे में पूछने पर उन लोगों ने पूरी तरह अनभिज्ञता जाहिर की. हो सकता है कि हमारे जाने से पहले उन्हें सिखा-पढ़ा दिया गया हो.

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