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एक राष्ट्र एक चुनाव भी चुनावी जुमला है: पी चिदंबरम

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को संसद के दोनों सत्रों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की वकालत की थी

Updated On: Jan 31, 2018 02:40 PM IST

Bhasha

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एक राष्ट्र एक चुनाव भी चुनावी जुमला है: पी चिदंबरम

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की वकालत करने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने इसे चुनावी जुमला बताया. मंगलवार को राष्ट्रपति के इस बयान को चुनावी जुमला बताते हुए चिदम्बरम ने कहा कि वर्तमान संवैधानिक प्रावधानों के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता है.

अपनी पुस्तक ‘स्पीकिंग ट्रूथ टू पावर’ के जारी होने के बाद की चर्चा में चिदम्बरम ने कहा कि भारत का संविधान किसी भी सरकार को निश्चित कार्यकाल नहीं प्रदान करता है. चिदम्बरम ने कहा कि जबतक उसमें संशोधन नहीं किया जाता है तबतक कोई भी एक साथ चुनाव नहीं करा सकता.

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘संसदीय लोकतंत्र में खासकर जब हमारे यहां 30 राज्य हैं, तब वर्तमान संविधान के तहत आप एक साथ चुनाव नहीं करा सकते.’ उन्होंने कहा, ‘यह एक और चुनावी जुमला है. एक राष्ट्र एक कर जुमला है, अब एक राष्ट्र एक चुनाव भी एक जुमला है.’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'कोई भी व्यक्ति कुछ चुनावों की तारीखें पहले कर और कुछ की आगे बढ़ाकर कृत्रिम तौर पर एक साथ चुनाव नहीं करा सकता है, कोई भी व्यक्ति संसदीय चुनाव और पांच छह राज्यों के चुनाव एक साथ करा तो सकता है, लेकिन सभी 30 राज्यों के साथ नहीं.'

उन्होंने कहा, ‘कल यदि कोई सरकार गिर जाती है तो फिर क्या होगा? क्या आप उसे बाकी चार साल के लिए राष्ट्रपति शासन में रखेंगे। यह नहीं किया जा सकता.’

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को संसद के दोनों सत्रों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की वकालत की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कुछ समय से इसकी वकालत कर रहे हैं.

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