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1984 में राहुल 13-14 साल के थे, उनको जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते: चिदंबरम

राहुल गांधी ने शुक्रवार को 1984 दंगों को ‘त्रासदी’ और ‘दर्दनाक अनुभव’ बताया लेकिन इसमें कांग्रेस के शामिल होने से इनकार किया था

Updated On: Aug 25, 2018 01:09 PM IST

FP Staff

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1984 में राहुल 13-14 साल के थे, उनको जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते: चिदंबरम

भारत के पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को 1984 के सिख दंगों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा है कि राहुल उस वक्त 13-14 साल के थे, उन्हें इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए.

चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा, '1984 में कांग्रेस सत्ता में थी. उस वक्त एक बहुत ही भयानक घटना हुई थी, जिसके लिए मनमोहन सिंह ने संसद में माफी भी मांगी थी. आप उसके लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं, वो उस वक्त बस 13-14 साल के थे. उन्होंने इसके लिए किसी का बचाव नहीं किया है.'

बता दें कि राहुल गांधी अभी यूरोप यात्रा पर हैं. वो कई देशों में भारतीय अप्राविसयों से मिल रहे हैं और उन्होंने कई संवाद कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है. शुक्रवार को राहुल लंदन के हाउस ऑफ कॉमंस कैंपस में 'भारत एवं विश्व' विषय पर हुई परिचर्चा में शामिल हुए थे. यहां साल 1984 के सिख विरोधी दंगों में कांग्रेस पार्टी की ‘संलिप्तता’ के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल ने उस घटना को ‘त्रासदी’ और ‘दर्दनाक अनुभव’ करार दिया, लेकिन इस बात से सहमत नहीं हुए कि कांग्रेस इसमें ‘शामिल’ थी.

उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि किसी के खिलाफ की गई कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं, लेकिन जहां तक मेरी राय है, उस दौरान हुई किसी भी गलती के लिए सजा मिलनी चाहिए... मैं इसमें 100 फीसदी समर्थन दूंगा.’

राहुल ने अपने भाषण में सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक सिंह को भी शामिल किया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अनेकता में एकता की विचारधारा गुरु नानक देव की शिक्षा से ली गई है. इस बयान पर बीजेपी ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि राहुल गांधी उस पार्टी से आते हैं, जो 1984 के दंगों के लिए जिम्मेदार है. उन्हें खुद को गुरु नानक देव से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.

पी चिदंबरम ने इस कॉन्फ्रेंस में राफेल डील का भी मुद्दा उठाया और कहा कि ये मुद्दा काफी गंभीर है और इस पर सार्वजनिक रूप से बहस होनी चाहिए. इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए इसलिए पार्टी ने और कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मुद्दे को उठाया है.

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