राम मंदिर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तो जारी है. 14 मार्च को कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख भी तय की है. लेकिन, विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी मार्च में ही राम मंदिर को लेकर बड़ा अभियान चलाने की तैयारी कर रही है. वीएचपी ‘इष्ट नाम, जप अभियान’ नाम से एक माला जाप कराने के लिए अभियान की शुरुआत करने जा रही है.
इसमें देश भर में हिंदू परिवारों को अपने इष्ट यानी अपने भगवान के नाम का, जिसे वो अपना इष्ट मानते हैं, सुमिरन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. वीएचपी के कार्यकर्ता और समर्थक एक माला यानी 108 बार अपने इष्ट के नाम का जाप करेंगे, जो कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए समर्पित रहेगा.
वीएचपी के संयुक्त महामंत्री डा. सुरेंद्र जैन ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया कि ‘इष्ट नाम, जप अभियान का कार्यक्रम 18 मार्च से 31 मार्च तक यानी वर्ष प्रतिप्रदा से हनुमान जयंती तक चलाया जाएगा. इसमें देश भर में बड़ी तादाद में राम मंदिर के समर्थन में माला का जाप किया जाएगा.’
वीएचपी शुरू से ही अयोध्या में राम मंदिर को लेकर आंदोलन चलाती रही है. सुप्रीम कोर्ट के भीतर इस मामले में सुनवाई के बीच राम मंदिर को लेकर वीएचपी का अभियान, मौजूदा माहौल में राम मंदिर को लेकर कोर्ट से बाहर भी माहौल बनाने की कोशिश नजर आ रही है क्योंकि वीएचपी इसे आस्था का विषय मानती है.
अयोध्या से राम रथ यात्रा की शुरुआत
उधर, अयोध्या से भी राम राज्य रथ यात्रा की शुरुआत हुई है. यह यात्रा 41 दिनों तक चलेगी, जो कि अयोध्या से त्रिवेंद्रम तक जाएगी. वीएचपी के महामंत्री चंपत राय ने इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
राम राज्य रथ यात्रा का आयोजन श्रीराम दास मिशन यूनिवर्सल सोसाइटी कर रही है. राम राज्य रथ यात्रा की अगुआई स्वामी शांतानंद सरस्वती कर रहे हैं. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण करवाना है. रामनवमी के दिन इस यात्रा का समपान तिरुवनंतपुरम में होगा.
वीएचपी के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया कि ‘इस यात्रा का आयोजन वीएचपी की तरफ से नहीं हो रहा है, लेकिन, राम राज्य और राम के आदर्शों और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए साधु-संतों की तरफ से इस यात्रा का आयोजन किया गया है, लिहाजा वीएचपी इसका समर्थन करेगी.’
वीएचपी के कार्यकर्ता राम राज्य यात्रा के दौरान जगह-जगह पर साधु-संतों और यात्रा में शामिल लोगों की मदद भी करेंगे. राम राज्य यात्रा भगवान राम के वनवास के दौरान इस्तेमाल किए गए चिह्नित रूटों से होते हुए जाएगी.
इस रथ यात्रा के दौरान निर्धारित स्थानों पर प्रतिदिन शोभा यात्रा और राम राज्य सम्मेलन अयोजित होगा. राम राज्य रथ यात्रा का समापन 23 मार्च को रामनवमी के दिन तिरुवनंतपुरम में होगा.
दरअसल, यह यात्रा हर साल केरल में होती रही है.लेकिन, पहली बार ऐसा हो रहा है कि इस यात्रा को राम जन्म भूमि की जगह यानी अयोध्या से शुरू किया गया है. इस यात्रा का मकसद भी फिर राम मंदिर के नाम पर समर्थन जुटाना और आस्था के सवाल पर समर्थन की कोशिश माना जा रहा है.
श्री श्री रविशंकर का प्रयास जारी
अयोध्या में भव्य राम मंदिर को लेकर कोर्ट के बाहर भी अचानक सरगर्मी तेज हो गई है. एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है वहीं दूसरी तरफ, इस मुद्दे पर कोर्ट के बाहर भी समाधान निकालने की कोशिश हो रही है. धर्मगुरु श्री श्री रविशंकर ने लगातार इस मुद्दे पर सहमति बनाने की कोशिश की है.
लेकिन, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उनके प्रयासों पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है. बोर्ड के सदस्य सलमान नदवी श्री श्री के साथ मिलकर समाधान की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन, उनको ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाकर इस मुद्दे पर बोर्ड ने अपना रुख सख्त कर लिया है.
पहले की तरह सभी पक्ष एक बार फिर से अपने-अपने रुख पर कायम हैं. इसी कोशिश में वीएचपी ने भी अब फिर से माहौल बनाना शुरू कर दिया है. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कोई बड़ा आंदोलन चलाने की धमकी देने वाली वीएचपी फिलहाल राम नाम के जाप का ही सहारा ले रही है.
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