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रक्षा-गृह मंत्रालय के शब्दकोश में ‘शहीद’ जैसा कोई शब्द नहीं

आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गयी थी कि कानून और संविधान के मुताबिक ‘शहीद’ (मॉर्टर) शब्द का अर्थ और व्यापक परिभाषा क्या है

Updated On: Dec 15, 2017 05:31 PM IST

Bhasha

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रक्षा-गृह मंत्रालय के शब्दकोश में ‘शहीद’ जैसा कोई शब्द नहीं

सेना या पुलिस के शब्दकोश में ‘मॉर्टर’ या ‘शहीद’ जैसा कोई शब्द है ही नहीं. इसके बजाए कार्रवाई के दौरान मारे गए सैनिक या पुलिसकर्मी के लिए ‘बैटल कैजुअल्टी’ या ‘ऑपरेशन कैजुअल्टी’ का उपयोग किया जाता है. रक्षा और गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना आयोग को ये जानकारी दी है.

ये मुद्दा तब सामने आया जब केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक आवेदन आया. इसमें जानकारी मांगी गयी थी कि कानून और संविधान के मुताबिक ‘शहीद’ (मॉर्टर) शब्द का अर्थ और व्यापक परिभाषा क्या है?

आरटीआई आवेदन में इसके बेजा इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए कानूनी प्रावधान तथा उल्लंघन पर सजा की भी मांग की गई थी.

ये आदेवन गृह और रक्षा मंत्रालयों में अलग-अलग अधिकारियों के सामने स्थानांतरित हुआ लेकिन जब आवेदनकर्ता को संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उसने सीआईसी से संपर्क किया. ये सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सर्वोच्च अपीली प्राधिकार है.

सेना के लिए बैटल कैजुअल्टी और पुलिस के लिए ऑपरेशंस कैजुअल्टी 

सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने कहा कि रक्षा और गृह मंत्रालय के प्रतिवादी इस दौरान मौजूद थे और उन्हें सुना गया.

आजाद ने कहा, ‘रक्षा मंत्रालय की तरफ से पेश हुए अधिकारी ने बताया कि उनके मंत्रालय में ‘शहीद’ या ‘मॉर्टर’ शब्द इस्तेमाल नहीं किया जाता. इसके बजाए ‘बैटल कैजुअल्टी’ का इस्तेमाल करते हैं.

गृह मंत्रालय की तरफ से पेश हुए अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय में ‘ऑपरेशंस कैजुअल्टी’ शब्द का इस्तेमाल होता है.’

मंत्रालयों की ओर से दिए गए जवाब पर उन्होंने कहा कि ‘बैटल कैजुअल्टी’ और ‘ऑपरेशंस कैजुअल्टी’ के मामलों को घोषित करने का फैसला, दोनों ही मामलों में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट आने के बाद लिया जाता है.

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