क्या इसी ‘भूकंप’ का कांग्रेस को इंतजार था? संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल का बहुप्रतीक्षित भाषण हुआ. भाषण की शुरुआत जुमलों से शुरू होकर आरोपों की बयार में बहते हुए नोटबंदी और राफेल डील तक पहुंच गई. राहुल ने कहा कि, ‘पता नहीं, क्या हुआ और किससे बात हुई कि पीएम मोदी ने रात 8 बजे नोटबंदी का एलान कर डाला.’
फिर रॉफेल डील पर भी कुछ ऐसे ही अंदाज में बोले कि, पता नहीं, क्या हुआ किससे बात हुई, पीएम फ्रांस गए और जादू से हवाई जहाज की कीमत बढ़ा दी गई.
ये माना जा सकता है कि वाकई राहुल को ये अबतक नहीं पता चल सका कि नोटबंदी के बावजूद बीजेपी को यूपी विधानसभा चुनाव में रिकॉर्डतोड़ सीटें कैसे मिल गईं. लेकिन राफेल डील के सीक्रेट पैक्ट पर उनके आरोपों से ये आश्चर्य होता है कि उन्हें यूपीए सरकार के वक्त फ्रांस की सरकार से किये गए सीक्रेसी पैक्ट के बारे में कैसे नहीं पता चला?
राहुल के ही आरोपों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया कि 25 जनवरी 2008 को तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार के ही रक्षा मंत्री एके एंटनी ने फ्रांस के साथ सीक्रेसी अग्रीमेंट किया था जिसे मोदी सरकार आगे बढ़ा रही है. ऐसे में रक्षा मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगा कर राहुल अपनी सरकार का सच कैसे छिपा सकते हैं?
मोदी सरकार के खिलाफ ‘दस जुमले’ गिना कर और तीखे हमले कर राहुल ने भूकंप लाने की पुरजोर कोशिश की. लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की तरह ही ‘हिट एंड रन’ का स्टाइल उनके आरोपों में दिखा. यहां तक कि राफेल डील पर उनके लगाए आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने उनसे सबूत तक मांगे. लेकिन राहुल नए दौर की राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं जहां आरोप लगा कर आगे बढ़ा जाने लगा है. जबकि उनके आरोपों का जवाब देने के लिये रक्षा मंत्री ने सबूतों के तौर पर दस्तावेज भी सामने रख दिये.
आरोप-प्रत्यारोपों के उतार-चढ़ाव के बाद जब राहुल को लगा कि उनके लच्छेदार भाषण में जुमलों का जादू नहीं रहा तो वो जादू की झप्पी देने पीएम मोदी के पास पहुंच गए. पता नहीं कि क्या हुआ, किससे बात हुई और राहुल ने पीएम मोदी को गले लगा लिया.
राहुल के इस प्रदर्शन से कांग्रेस अभूभूत है. याद कीजिए राहुल के भाषणों के वो अंतिम 3 मिनट जब वो कह रहे हैं कि पीएम के भीतर उनके लिये गुस्सा हो सकता है लेकिन उनके भीतर नहीं है. अपने शब्दों का ही प्रदर्शनात्मक मंचन करने के लिये उन्हें पीएम को गले लगाया.
लेकिन इस नाटकीय पटाक्षेप से पहले वो पीएम मोदी पर हमले करने में मर्यादाओं की तमाम सीमाएं पार कर चुके थे. उनके भाषणों में गुजरात और कर्नाटक विधानसभा चुनाव का एक्शन रीप्ले दिख रहा था तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज भी.
लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उनसे शब्दों की मर्यादा के साथ तथ्य और आंकड़े रखकर बात करने को कहा. पीएम मोदी को गले लगाने के राहुल के हाईवोल्टेज ड्रामे को लोकसभा स्पीकर ने सही बर्ताव नहीं माना और कहा कि राहुल को पीएम पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए.कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में धमाकेदार तरीके से भाषण की शुरुआत करने के बाद राहुल अब खुद आरोपों से घिर चुके हैं.
राहुल कभी चुनावी रैली के स्टेज पर कुर्ते की फटी हुई जेब दिखाते हैं तो कभी बाहें चढ़ाते हुए ऑर्डिनेंस फाड़ने का काम भी करते हैं. खुद को आक्रामक दिखाने की होड़ और जोश में वो अपनी हरकतों की वजह से हास्य का पात्र बन जाते हैं. इस बार भी पीएम से गले मिलने के बाद उनका एक रिएक्शन अब सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहा है. जहां उनके भाषण और पीएम मोदी से गले मिलने पर बहस छिड़ गई है तो उनकी एक दूसरी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. क्या माना जाए कि संसद में भूकंप आ गया?
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