रविवार को दिल्ली में नीति आयोग की चौथी गवर्निंग काउंसिल मीटिंग हुई. इस बैठक में एक दिलचस्प वाकया हुआ. दरअसल आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और कुछ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र मोदी को प्रजेंटेशन दे रहे थे. सभी के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित थी. नायडू अपने समय से 7 मिनट ज्यादा तक बोलते रहे. नायडू के ऑफिस सूत्रों के मुताबिक जब राजनाथ सिंह ने नायडू को यह बताने की कोशिश की तो उन्होंने कथित तौर पर कहा- 'मेरा राज्य खास समस्याओं के साथ विशेष है. मैं ज्यादा समय लूंगा.'
आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग
सूत्रों ने कहा कि इसके बाद नायडू 20 मिनट तक बोले. नायडू ने अपनी सभी बड़ी मांगों को शामिल करते हुए 13 पन्ने का दस्तावेज बनाया था. नायडू ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा. इसी मीटिंग में नायडू को विशेष राज्य की मांग का समर्थन उस वक्त मिला जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा.
ममता बनर्जी ने भी किया समर्थन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आंध्र सीएम की ओर से विशेष राज्य की मांग का समर्थन किया. नायडू ने पोलावरम परियोजना का भी मुद्दा उठाया और दावा किया कि अभी भी राज्य को केंद्र से 1,892 करोड़ रुपए मिलने बाकी हैं. नायडू ने 15 वें वित्त आयोग की शर्तों का भी विरोध किया. नायडू को इस मुद्दे पर भी बनर्जी का समर्थन मिला. एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट को अपनाने की मांग करने के साथ-साथ नायडू ने भूमि सुधार, सिंचाई, ऋण, बीमा, खाद्य सुरक्षा, रोजगार, कृषि उपज और सिफारिशों पर सिफारिशों को लागू करने के लिए एक रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया.
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