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बंदर और कुत्ते का मुद्दा उठेगा दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र में!

हाल ही में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने संसद में इसको लेकर कहा था कि उपराष्ट्रपति आवास में भी बंदरों का खौफ रहता है

Updated On: Aug 06, 2018 12:17 PM IST

Ravishankar Singh Ravishankar Singh

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बंदर और कुत्ते का मुद्दा उठेगा दिल्ली विधानसभा के मॉनसून सत्र में!

दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, लेकिन यह सत्र हंगामेदार रह सकता है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे को घेरने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं. एक तरफ जहां सत्ता पक्ष सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों पर आए निर्णय को लेकर चर्चा करेगा तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष दिल्ली में बंग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.

विपक्ष यह मांग कर सकता है कि सरकार दिल्ली में रह रहे घुसपैठियों की पहचान कर रिपोर्ट तैयार करे और उनके मतदान पत्र और राशन कार्ड को निरस्त करे. वहीं सरकार दिल्ली में बढ़ते कुत्तों की संख्या और एमसीडी के नाकाम होने पर चर्चा कर सकती है.

दूसरी तरफ बंदरों के आतंक को लेकर भी विधानसभा सत्र में चर्चा हो सकती है. लुटियन जोन और दिल्ली के बाकी हिस्सों में जिस तरह से बंदरों का खौफ और इसको खत्म करने में एमसीडी और एनडीएमसी पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है. ऐसे में यह मुद्दा भी इस बार के मॉनसून सत्र का हिस्सा रह सकता है. हाल ही में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने संसद में इसको लेकर कहा था कि उपराष्ट्रपति आवास में भी बंदरों का खौफ रहता है.

दिल्ली विधानसभा का पिछला विशेष सत्र भी हंगामेदार रहा था

इसके अलावा सत्र में परिवहन सचिव वर्षा जोशी का मामला भी उठ सकता है. वर्षा जोशी पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दलालों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया है. हालांकि जोशी ने सोशल मीडिया ट्विटर के जरिए इस आरोपों को खारिज करते हुए अपने कार्यकाल में किए कामों को गिनाया है. बता दूं कि दिल्ली विधानसभा का पिछला विशेष सत्र भी हंगामेदार रहा था. वैसे तो आप सरकार ने पिछले सत्र का आयोजन भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर किया था, लेकिन दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल, केंद्र सरकार और दिल्ली के अधिकारियों पर आरोप मढ़ने के सिवाय और कुछ नहीं हुआ था.

इस सत्र में भी केजरीवाल सरकार जहां दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद करेगी. वहीं बीजेपी जनलोकपाल विधेयक पर सरकार से जवाब मांगेगी. बीजेपी की इस मांग को पिछले विधानसभा सत्र में अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने खारिज कर दिया था. मांग खारिज किए जाने के बाद बीजेपी के तीन विधायकों ने सदन से वाकआउट किया था. पिछले सत्र के दौरान बीजेपी की सहयोगी पार्टी अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली की सड़कों पर जगह-जगह सीएम अरविंद केजरीवाल पर जनलोकपाल के मुद्दे पर दिल्ली की जनता को बरगलाने का पोस्टर लगाया था. इस पोस्टर के माध्यम से सिरसा ने आप सरकार पर जमकर कटाक्ष किया. पोस्टर के जरिए पूछा गया ‘केजरीवाल जी का जनलोकपाल बिल कहीं खो गया है. मिले तो क्रांतिकारी सीएम को पहुंचा दें.’

नगर निगम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठा सकती है आम आदमी पार्टी

वहीं आम आदमी पार्टी बीजेपी शासित नगर निगम में होने वाले भ्रष्टाचार का मुद्दा इस सत्र में उठा सकती है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि हाल ही में साऊथ एमसीडी के अधीन आने वाले इलाके में हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ जब डिप्टी कमिश्नर ने कार्यवाही की तो भू-माफियाओं के साथ मिलकर बीजेपी के नेताओ ने उनका तबादला करवा दिया. आम आदमी पार्टी ने नगर निगम में बीजेपी की इस खुली लूट के खिलाफ सदन में आवाज़ उठाएगी और इसका पुरजोर विरोध करेगी.

आम आदमी पार्टी सीसीटीवी मुद्दे को लेकर भी सदन में आवाज उठा सकती है. दक्षिणी दिल्ली लोकसभा प्रभारी राघव चड्ढा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बीजेपी और कांग्रेस पार्टी दोनों ही आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा लिए गए सभी जनहित के फैसलों का विरोध करते रहे हैं. जिस प्रकार से दोनों ही पार्टियों ने दिल्ली में लगने वाले सीसीटीवी कैमरा के प्रोजेक्ट का विरोध किया ये बड़ा ही हैरान कर देने वाली बात है.

आम आदमी पार्टी के नेता लगातार कहते आ रहे हैं कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टी नहीं चाहती है कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगे.जनहित के इस कार्य से बीजेपी और कांग्रेस को क्या परेशानी है ये समझना मुश्किल है. अगर दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगते हैं तो शहर में बढती चोरी और हिंसा की वारदातों पर लगाम लगेगी. महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों पर भी रोक लगेगी.

वहीं दिल्ली में जलजमाव और प्राइवेट मेंबर रेज्यूलेशन बिल पर भी इस सत्र में चर्चा की जाएगी. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाल के दिनों में अधिकारी जानबूझकर मीडिया और कोर्ट में गलत जानकारी दे कर सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस संबंध में भी हमलोग सदन में चर्चा करेंगे.

कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा का यह सत्र भी हंगामेदार रह सकता है.अनुमान लगाया जा रहा है कि संख्याबल में कमजोर होने के बावजूद विपक्ष एनआरसी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेर सकती है.

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