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यूपी से झारखंड तक का जिक्र: मोदी के भाषण ने साफ किया, हरिवंश क्यों चुने गए

राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश को बधाई दी. उनके सम्मान में चंद बातें कीं.

Updated On: Aug 09, 2018 04:41 PM IST

Amitesh Amitesh

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यूपी से झारखंड तक का जिक्र: मोदी के भाषण ने साफ किया, हरिवंश क्यों चुने गए

राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश को बधाई दी. उनके सम्मान में चंद बातें कीं. मोदी के भाषण और हरिवंश की तारीफ में कहे गए उनके शब्द से साफ-साफ झलक रहा था कि एनडीए की तरफ से जेडीयू सांसद हरिवंश का ही चुनाव क्यों किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के बलिया और वाराणसी के अलावा बिहार से लेकर झारखंड तक हर जगह से नए उपसभापति हरिवंश के कनेक्शन को जोड़ दिया. शायद यही उनकी विशेषता थी, जिसके चलते उन्हें इस बड़े पद के लिए एनडीए की तरफ से चुना गया.

जयप्रकाश नारायण की धरती सिताबदियारा यानी जेपी का गांव ही हरिवंश की जन्मस्थली है. गांधी की कर्म भूमि बिहार के चंपारण से उनकी पत्नी आती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से हरिवंश जी ने शिक्षा-दीक्षा ली है. झारखंड की राजधानी रांची में उन्होंने हिंदी दैनिक प्रभात खबर के प्रधान संपादक के तौर पर अपने काम को एक अलग आयाम तक पहुंचाया.

Jaiprakash Narayan

जय प्रकाश नारायण

प्रधानमंत्री ने इन सभी पहलूओं का जिक्र किया. यानी हरिवंश के यूपी के पूर्वांचल से लेकर बिहार और झारखंड तक के प्रभाव और उनकी छवि का असर रहा कि उन्हें इस पद के लिए चुना गया. उनके उपसभापति के पद पर चुने जाने से बिहार-झारखंड के अलावा पूर्वांचल के इलाकों में एक बेहतर संदेश जाएगा. उनके इस पूरे क्षेत्र से लगाव से उनकी पार्टी जेडीयू के अलावा बीजेपी को भी सियासी फायदे की उम्मीद की जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतौर पत्रकार हरिवंश के काम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अखबार में अपने काम को बतौर जनआंदोनल चलाया. उनकी विशेषता भी यही थी कि वो जनसरोकार की पत्रकारिता किया करते थे. नक्सली इलाके में किसी व्यक्ति के अपहरण की एक घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना नक्सली बेल्ट में जाकर उस शख्स को छुड़ा लिया. इसके लिए उन्होंने अपने अखबार के सभी सोर्सेज का इस्तेमाल किया.

हरिवंश यूपी के बलिया के रहने वाले हैं. उनके सम्मान में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने क्रांतिकारी लोगों की धरती बलिया का जिक्र किया. आजादी के आंदोलन में अपना सबकुछ न्योछावर करने वाले मंगल पांडे से लेकर चित्तू पांडे का जिक्र और फिर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का जिक्र कर बलिया की धरती और उस धरती से निकले महान सपूतों के जीवन की दास्तां को याद कर मोदी ने इस पूरे इलाके के लोगों को भावनात्मक तौर पर अपने साथ जोडने की कोशिश की. अब उसी कड़ी में हरिवंश का नाम लेकर उन्होने पूरे इलाके के लोगों को एक संदेश भी दे दिया.

Chandra_Shekhar

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ काम कर चुके हरिवंश के अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठा का जिक्र कर प्रधानमंत्री मोदी ने यह बताने की कोशिश की है कि हरिवंश के आने से उस पद की गरिमा और कितनी बढ़ेगी. मोदी ने कहा कि जब चंद्रशेखर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले थे तो इसकी जानकारी हरिवंश को थी, लेकिन, उन्होंने अपने अखबार को भी इस बारे में नहीं बताया. मोदी ने इसे हरिवंश के काम के प्रति निष्ठा और गरिमा बताया.

दरअसल, हरिवंश जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी हैं. उनकी छवि साफ-सुथरी रही है. भले ही वो जेडीयू के सांसद हैं, लेकिन, बतौर संपादक बीजेपी नेताओं से भी उनके संबंध बेहतर रहे हैं. उनकी साफ-सुथरी छवि और बतौर पत्रकार और सांसद वो बीजेपी के भी सांचे में फिट बैठते हैं. जब राज्यसभा के उपसभापति के पद के लिए आम सहमति के बजाए वोटिंग की जरूरत पड़ी तो बीजेपी ने समझदारी से उनके नाम को आगे कर दिया.

बीजेपी को पता था कि उसके अपने उम्मीदवार के नाम को आगे करने से उसके उम्मीदवार की जीत शायद न हो पाए. क्योंकि, उसकी सहयोगी  शिवसेना भी उससे कई मुद्दों पर खफा-खफा सी है. हो  सकता था कि शिवसेना भी समर्थन से इनकार कर जाती. दूसरी तरफ, टीआरएस के अलावा सबसे महत्वपूर्ण दल बीजेडी को साधना बीजेपी के लिए मुश्किल रहता.

लेकिन, नीतीश कुमार की नवीन पटनायक से दोस्ती और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव से बातचीत के बाद ये दोनों दल जेडूयू के हरिवंश के समर्थन में आ गए. इस तरह बीजेपी ने अपने गेम प्लान से एनडीए के उम्मीदवार को राज्यसभा के उपसभापति के पद पर बैठा दिया.

संसद के मॉनसून सत्र में सरकार के लिए दो सबसे बड़ी उपलब्धि रही. पहला अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 20 जुलाई को विपक्षी दलों को बड़े अंतर से पटखनी देकर सरकार ने लोकसभा में बड़ी जीत दर्ज की. सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान एआईएडीएमके से मिले समर्थन के बाद एनडीए का आंकड़ा काफी आगे निकल गया. इस पूरे प्रकरण के दौरान कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की किरकिरी ही हुई.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi speaks during the inauguration of Delhi End TB summit at Vigyan Bhawan in New Delhi on Tuesday.PTI Photo by Shahbaz Khan (PTI3_13_2018_000058B)

दूसरी तरफ, अब जबकि संसद के सत्र का बस एक दिन ही बचा है. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा के भीतर विपक्ष को फिर से पटखनी खानी पड़ी. राज्यसभा में जहां सरकार बहुमत में नहीं है, वहां अपनी रणनीति से विपक्ष को मात देना बड़ी सफलता माना जा रहा है. राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के दौरान बने समीकरण ने आने वाले दिनों में कई दलों के बीच संभावित समीकरण की एक रूप-रेखा भी तय कर दी है. इसमें एआईएडीएमके के अलावा टीआरएस और बीजेडी का एनडीए के समर्थन में खड़ा होना भविष्य की संभावित राजनीति का संकेत दे गया है.

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