मिजोरम विधानसभा चुनाव में स्थिति साफ हो गई है. यहां मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) ने 26 सीटों पर जीत हासिल की है. मिजो नेशनल फ्रंट पिछले दस सालों से राज्य में सत्ता से बाहर थी. इस बार जीत का स्वाद मिलते ही उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. एमएनएफ के ऑफिस के बाहर समर्थकों का जमावड़ा लग चुका है और जश्न शुरू हो चुका है.
इस बीच अगर MNF की जीत के कारणों के बारे में बात करें तो इसमें सबसे बड़ा हाथ कांग्रेस का ही है. सत्ताधारी कांग्रेस का मिजोरम में शराब से बैन हटाने का फैसला पार्टी के लिए मुसीबत बन गया जिसका नतीजा ये हुआ कि इस बार चुनावों में पार्टी केवल 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई.
पिछले 17 सीलों से मिजोरम में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ था फिर कांग्रेस ने 2014 में Mizoram Liquor Total Prohibition Act को हटाकर राज्य में Mizoram Liquor Prohibition and Control Act लागू कर दिया. तब इस फैसले से सरकार का विरोध हुआ. खास कर चर्च संस्थानों की तरफ से इस फैसले का काफी विरोध किया गया था.
क्या थी विरोध की वजह?
मिजोरम में शराब से बैन हटने से लोगों को काफी परेशानी हुई. राज्य शराब के चलते मरने वालों की सख्या भी बढ़ गई. ऐसे में MNF ने इस मौके का पूरा-पूरा इस्तेमाल किया और विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार आने पर राज्य में फिर शराब पर बैन लगेगा. इसका नतीजा ये हुआ कि लोगों ने अंत मे एमएनएफ का साथ दिया और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
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