विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत से मिली जीत के बाद मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने मिजोरम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. शनिवार को उन्होंने राजधानी आईजॉल में एक समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली.
40 सदस्यीय विधानसभा में मिजो नेशनल फ्रंट को चुनाव नतीजों में 26 सीटें मिली हैं. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि नवनिर्वाचित विधायकों ने जोरमथांगा को विधायक दल का नेता चुना था.
Mizo National Front president #Zoramthanga being sworn-in as the Chief Minister of #Mizoram.
Pic: ANI pic.twitter.com/UIjmnQFwwx— All India Radio News (@airnewsalerts) December 15, 2018
विधानसभा चुनावों में शानदार जीत मिलने के कुछ घंटों के बाद जोरमथांगा के नेतृत्व में MNF के तीन नेताओं के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल कुम्मनम राजशेखरन से राजभवन में मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इससे पहले पार्टी प्रमुख ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि 15 दिसंबर तक सरकार बना लेंगे.
जोरमथांगा ने साफ कहा है कि वो बीजेपी के एकमात्र विधायक बुद्धधन चकमा को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करेंगे. एमएनएफ, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस में सहयोगी है.
74 वर्षीय जोरमथांगा ने हाल ही में अपनी ऑटोबायोग्राफी पूरी की है. वो भारतीय सेना के खिलाफ गुरिल्ला वॉर में भी शामिल रह चुके हैं.
बता दें कि कांग्रेस को चुनाव में महज 5 सीटें ही मिली हैं. जबकि पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 34 सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी. एमएनएफ ने 10 साल बाद राज्य की सत्ता में वापसी की है. वर्ष 1986 के बाद से मिजोरम में सत्ता कभी कांग्रेस और कभी एमएनएफ के हाथों में रही है.
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