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यूपी में बीजेपी का मिशन 74: लॉन्चिंग से पहले ही प्रियंका गांधी का जादू खत्म करने की कोशिश में अमित शाह

प्रियंका गांधी वाड्रा को अपना ट्रंप कार्ड मान रही कांग्रेस के दामन को दागदार बताकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कोशिश लॉन्चिंग से पहले ही प्रियंका के जादू के असर को कम करने की है.

Updated On: Jan 30, 2019 09:37 PM IST

Amitesh Amitesh

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यूपी में बीजेपी का मिशन 74: लॉन्चिंग से पहले ही प्रियंका गांधी का जादू खत्म करने की कोशिश में अमित शाह

लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में लगे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कानपुर-बुंदलेखंड और अवध संभाग के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में पहुंचे थे. शाह का दौरा प्रियंका गांधी वाड्रा की सियासत में एंट्री और खासतौर से यूपी में सक्रिय करने के ऐलान के बाद हो रहा था. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि बुआ-भतीजा की जोड़ी के साथ-साथ उनके निशाने पर भाई-बहन की जोड़ी भी होगी.

ऐसा ही हुआ, अमित शाह ने प्रियंका गांधी की सियासी पारी की शुरुआत से पहले ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूरे गांधी-नेहरु परिवार पर हमला बोल दिया.मनमोहन सिंह के कार्यकाल में 2G घोटाले के मुद्दे पर घेरते हुए उन्होंने कहा, ‘यूपीए की दस साल की सरकार 2G सरकार थी जिसमें 12 लाख करोड़ रुपए के घपले –घोटाले हुए थे, लेकिन, अब इसमें 3G (प्रियंका जी) भी आ गई हैं, पता नहीं अब कितना बड़ा भ्रष्टाचार होगा.’

अमित शाह ने 2G घोटाले से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जोड़ने की कोशिश की लेकिन, प्रियंका गांधी को तीसरे यानी 3G बताकर उन पर भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमला बोल दिया. हालाकि प्रियंका गांधी अबतक खुलकर राजनीति में नहीं आई थीं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनने से पहले तक उनकी भूमिका अमेठी और रायबरेली तक ही सीमित रही थी. प्रियंका अपने भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र में ही चुनाव की कमान संभालती रही हैं.

दूसरी तरफ, प्रियंका गांधी वाड्रा के उपर किसी तरह का कोई आरोप भी नहीं लगा है. उनके पति रॉबर्ड वाड्रा के खिलाफ जरूर जमीन सौदे से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिसको लेकर बीजेपी की तरफ से गांधी परिवार पर हमला बोला जाता रहा है.

लेकिन, अब गांधी-नेहरू परिवार से प्रियंका गांधी वाड्रा की सियासत में एंट्री के बाद, बीजेपी की तरफ से उनपर भी निशाना साधने की कोशिश की गई है. इस बात की आशंका पहले से थी भी कि रॉबर्ट वाड्रा के बहाने प्रियंका को भी घेरने की कोशिश की जाएगी.

यूपी में बीजेपी का मुख्य मुकाबला एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन से ही होना है. मायावती के साथ मिलकर अखिलेश यादव ने जो महागठबंधन बनाया है, उससे बीजेपी को कड़ी टक्कर की संभावना जताई जा रही है. लेकिन, प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी दिए जाने के बाद कांग्रेस इस पूरे मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है. अब बीजेपी भी एसपी-बीएसपी के अलावा कांग्रेस को घेरने की कोशिश में है.

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बीजेपी अध्यक्ष ने बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में कहा कि बीजेपी के 4B हैं जबकि महागठबंधन के भी 4B हैं, फर्क यह है कि बीजेपी के 4 B बढ़ता भारत, बनता भारत हैं जबकि, महागठबंधन के 4B बुआ, भतीजा, भाई और बहन हैं.

अमित शाह ने एक बार फिर बुआ-भतीजा के साथ-साथ भाई-बहन की जोड़ी को निशाना बनाते हुए हमला मायावती और अखिलेश यादव के साथ-साथ राहुल और प्रियंका पर भी किया.

दरअसल, बीजेपी की पूरी कोशिश एक बार फिर यूपी में पुराने प्रदर्शन को दोहराने की है. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 80 में से 71 सीटें जीती थीं जबकि 2 सीटों पर उसकी सहयोगी अपना दल की जीत हुई थी. इस बार पार्टी ने एक सीट ज्यादा यानी 73 से बढ़कर 74 सीटों का लक्ष्य तय किया है.

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लेकिन, इस बार मायावती और अखिलेश यादव दोनों मिलकर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. चौधरी अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी भी उनके साथ है. दूसरी तरफ, यूपी में अपनी जमीन तलाश रही अकले पड़ी कांग्रेस को भी प्रियंका गांधी वाड्रा का सहारा मिल गया है. ऐसे में बीजेपी के लिए एक साथ दो मोर्चों पर लडना पड़ रहा है. इस त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी नेताओं का तो दावा यही है कि फायदा बीजेपी का ही होगा.

लेकिन, प्रियंका गांधी वाड्रा को अपना ट्रंप कार्ड मान रही कांग्रेस के दामन को दागदार बताकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की कोशिश लॉन्चिंग से पहले ही प्रियंका के जादू के असर को कम करने की है. यही वजह है कि कानपुर और लखऩऊ में अमित शाह मायावती और अखिलेश के साथ-साथ प्रियंका पर भी हमलावर रहे.

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