मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के पश्चिम शिलॉन्ग विधानसभा सीट से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है. इस बात से नाराज विधानसभा की पार्टी इकाई ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है.
60 सीटों वाली मेघालय विधानसभा में यह सीट उन पांच सीटों में से है जो सुरक्षित नहीं है. बाकी की 55 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए सुरक्षित है.
बीजेपी ने अपने 47 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. जिन लोगों को टिकट दिया गया है उनमें पिछले महीने ही पार्टी में शामिल हुए 4 विधायक भी हैं. 2013 मेघालय विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने दो सीटें जीती थीं. पार्टी को पहली बार राज्य में जीत 1998 के विधानसभा चुनाव में मिली थी. उस समय पार्टी के तीन विधायक विधानसभा पहुंचे थे.
न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने इस निर्वाचन क्षेत्र से अपने उम्मीदवार को खड़ा किया है. जिस उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दिया है वो हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर एनपीपी में शामिल हुए थे.
एनपीपी की स्थापना लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा ने 2012 में एनसीपी से निष्कासन के बाद की थी. संगमा की मृत्यु के बाद उनके पुत्र कॉनराड संगमा ने पार्टी की कमान संभाल ली.
हालांकि एनपीपी और बीजेपी ने चुनाव से पूर्व कोई गठबंधन नहीं किया है लेकिन दोनों पक्षों ने चुनाव के बाद गठजोड़ होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया है.
मेघालय की यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पॉल लिंगदोह वर्तमान में पश्चिम शिलॉन्ग से विधायक हैं और इस बार भी मैदान में हैं.
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