समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती शनिवार को एसपी-बीएसपी गठबंधन का ऐलान करेंगे. शनिवार दोपहर 12 बजे लखनऊ में एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेस कर दोनों 2019 के अपने गठबंधन की रूपरेखा देश के सामने रखेंगे. यूपी में समाजवादी पार्टी और बीएसपी के गठबंधन की चर्चा काफी दिनों से चल रही थी. लेकिन इस बारे में कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ था. अब शनिवार को इसकी पूरी जानकारी अखिलेश यादव और मायावती मीडिया के जरिए सामने रखेंगे.
Bahujan Samaj Party Chief Mayawati and Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav to address a joint press briefing in Lucknow, tomorrow pic.twitter.com/iUPzVTyprp
— ANI UP (@ANINewsUP) January 11, 2019
मीडिया सोर्सेस के हवाले से खबर आ रही है कि कल की पीसी में दोनों पार्टियां 2019 के चुनाव में सीट शेयरिंग के मसले पर भी बात करेंगी. बताया जा रहा है कि एसपी और बीएसपी 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकती हैं.
न्यूज18 इंडिया के मुताबिक, गठबंधन के बाद एसपी-बीएसपी अमेठी और रायबरेली में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगी. साथ ही पार्टी अपना दल के खिलाफ भी कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी.
यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन को लेकर समाजवादी पार्टी की ओर से कई बयान आए लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने चुप्पी साधे रखी थी. पिछले दिनों खनन घोटाले में अखिलेश का नाम आने के बाद पहली बार बहुजन समाज पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ खड़ी नजर आई. अखिलेश के सीबीआई के शिकंजे में आने की खबरों के बीच मायावती ने अखिलेश को फोन किया. दिल्ली में एसपी और बीएसपी मीडिया के सामने साथ आकर सरकार पर बदले की कार्रवाई और गठबंधन बनने की वजह से अखिलेश को निशाने पर लेने के आरोप लगाए.
इसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि अब किसी भी वक्त गठबंधन का ऐलान हो सकता है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के हस्ताक्षरों के साथ एक रिलीज जारी कर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना जारी की गई है.
2014 में मोदी लहर के बीच दोनों पार्टियों की भारी हार हुई थी. जहां सत्ता में बैठी एसपी को 5 सीटें मिलीं तो वहीं, बीएसपी का खाता तक नहीं खुला था. 2017 के विधानसभा चुनावों में भी दोनों पार्टियों का लचर प्रदर्शन रहा था. उस वक्त एसपी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था लेकिन वो फॉर्मूला भी फुस्स हो गया था. अब 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए यूपी की कोर पार्टियां एक साथ आ रही हैं.
दोनों पार्टियों में गठबंधन की खबर के बीच गुरुवार को दोनों नेताओं के समर्थन में लखनऊ में होर्डिंगें लगी हुई भी दिखी थीं, जिसपर लिखा हुआ था- हमारे पास गठबंधन है.
चूंकि अब जब दोनों पार्टियां साथ में आ गई हैं तो कांग्रेस जरूर अकेली पड़ गई है. पहले तीनों पार्टियों के महागठंबधन की बात भी आई थी, लेकिन दोनों पार्टियों ने कांग्रेस से किनारा कर लिया. कांग्रेस की तरफ से भी गठबंधन को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया. पार्टी ने कहा कि अब इस पर फैसले के लिए कुछ वक्त का इंतजार कीजिए.
एसपी-बीएसपी ने कांग्रेस को मध्य प्रदेश और राजस्थान में समर्थन तो दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश में अपनी नौका कांग्रेस के बिना ही पार लगाना चाहती हैं.
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