सूचना विभाग के एक अधिराकारी ने आरटीआई के जवाब में खुलासा किया कि फडणवीस सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मंजूरी देने में सरकारी प्रक्रिया का पालन नहीं किया. इस खुलासे के बाद फडणवीस सरकार ने सूचना विभाग के अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.
दरअसल ये आरटीआई एक कार्यकर्ता जीतेंद्र घटगे ने दाखिल की थी. इसका जवाब देते हुए सूचना विभाग के अधिकारी सारंग कुमार पाटिल ने बताया कि सीएम फडणवीस की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने एक बार भी बैठक किए बगैर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी. ये कमेटी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को स्टडी करने के बनाई गई थी.
गलत जानकारी देने के आरोप में सस्पेंड
आरटीआई का जवाब देने के बाद पाटिल को गलत जानकारी देने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है. इसी के साथ महाराष्ट्र के गृह विभाग की तरफ से जांच के आदेश भी दिए गए हैं. ये पहला मौका है जब किसी सूचना विभाग के अधिकारी को गलत जानकारी देने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया है.
आरटीआई में बताया गया है कि 27 फरवरी 2017 को महाराष्ट्र के गृह विभाग ने बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को स्टडी करने के लिए फडणवीस की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, और 6 महीने के अंदर यानी 12 सिंतबर को कमेटी ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी. आरटीआई में बताया गया कि इन 6 महीनों में कमेटी ने एक भी बैठक नहीं की.
इस मामले पर सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी गलत है. उन्होंने बताया कि 'कमेटी ने बैठकें की लेकिन इस बैठक से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा नहीं की. '
वहीं आरटीआई दाखिल करने वाले घडगे ने कहा कि आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी सही है. फडणवीस सरकार बैठकों की तारीखों के बारे न बताकर लोगों को गुमराह कर रही है.
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