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भगवान राम और हनुमान असल में वैश्य समुदाय से थे: बीजेपी नेता

राम और हनुमान की जाति में आया नया मोड़, फिर से उठे जाति पर सवाल

Updated On: Jan 03, 2019 03:33 PM IST

FP Staff

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भगवान राम और हनुमान असल में वैश्य समुदाय से थे: बीजेपी नेता

भगवान हनुमान की जाति को लेकर चल रही बहस के बीच अब भगवान राम की जाति पर भी सवाल उठने लगे हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही हनुमान की जाति को लेकर चल रहे विवाद पर तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा था कि रामायण के अन्य पात्र भी अब अपना जाति प्रमाण पत्र तैयार रखें. अब लगता है शिवसेना की इस बात को मेरठ के रहने वाले बीजेपी नेता विनीत शारदा ने गंभीरता से ले लिया और भगवान राम को वैश्य जाति का बताया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर अनुसार बीजेपी नेता का कहना है कि भगवान राम वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखते थे. हनुमान भी उसी समुदाय से हैं क्योंकि हनुमान भगवान राम के ही पुत्र थे. उन्हें एक विशेष जाति में सीमित कर देना ठीक नहीं. वो वैश्य समाज से थे. हम सब उन्हीं के वंशज हैं. वैश्य समाज के कुल 25 करोड़ प्रतिनिधि हैं. ऐसे में भगवन हनुमान की जाति को लेकर चल रही राजनीति को रोक देना चाहिए. विनीत शारदा मेरठ के राज्य बीजेपी व्यापार विभाग के सेक्रेटरी हैं.

कैसे हुई इस विवाद की शुरुआत?

इस विवाद की शुरुआत यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. अभी हाल ही पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में प्रचार करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा था कि हनुमान दलित थे.

इसके बाद बीजेपी के ही एक पार्षद बुक्कल नवाब ने कहा कि हनुमान मुसलमान थे. वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल के सहकर्मी लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधानसभा में ऑन रिकॉर्ड कहा था कि भगवान जाट थे.

शिवसेना ने कहा कि आचार्य निर्भय सागर महाराज ने दावा किया कि जैन ग्रंथों के अनुसार, भगवान हनुमान जैन थे. ‘सामना’ में कहा गया है, ‘इस तरीके से उत्तर प्रदेश विधानसभा में नई रामायण लिखी जा रही है और उसके मुख्य पात्रों के साथ जाति का ठप्पा लगाया जा रहा है.

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