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महाराष्ट्र: शिवसेना की नाराजगी के बावजूद 2019 के लिए गठबंधन के दरवाजे खुले रखना चाहती है बीजेपी?

नेपथ्य में चल रही हलचलों से ये इशारा साफ मिलता है कि बीजेपी अभी तक खुद को अकेले लड़ने के लिए तैयार नहीं कर पाई है

Updated On: Jan 15, 2019 11:09 AM IST

FP Staff

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महाराष्ट्र: शिवसेना की नाराजगी के बावजूद 2019 के लिए गठबंधन के दरवाजे खुले रखना चाहती है बीजेपी?

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन पर अब भी संशय बना हुआ है. हालांकि, शिवसेना कई बार कह चुकी है कि वो लोकसभा चुनावों में अकेले लड़ने जा रही है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कुछ हफ्ते पहले इशारे किए थे कि बीजेपी इन चुनावों में अकेली लड़ने को तैयार है, लेकिन अब फिर बात बीच में फंसती दिखाई दे रही है.

न्यूज18 से बातचीत में महराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भंडारी ने शिवसेना के हमलों और अकेले लड़ने के रुख के बीच कहा है कि दोनों पार्टियों ने पिछले लोकसभा चुनावों में साथ लड़ा है और इस बार भी चीजें बदली नहीं हैं. भंडारी ने इस सवाल के जवाब में भी कुछ नहीं कहा कि क्या बीजेपी इन चुनावों में अकेले ही लड़ेगी.

उनके इस बयान से इशारा मिलता है कि बीजेपी अब भी गठबंधन के दरवाजे खुले रख रही है. बीजेपी का रुख शिवसेना को लेकर बदला है. उधर कांग्रेस और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के गठबंधन की संभावनाएं मजबूत हो रही हैं, जिससे बीजेपी की बेचैनी बढ़ना स्वाभाविक है.

लेकिन शिवसेना अब भी अपने विद्रोही रुख पर अड़ी हुई है. शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा कि 'हम एनडीए का हिस्सा हैं लेकिन बीजेपी एनडीए के अपने किसी भी सहयोगी को अहमियत नहीं दी है. हमने परफॉर्म करने की कोशिश की है. हमारे एक-एक मंत्रियों ने लोगों के हितों के मुद्दे उठाए हैं. उद्धव जी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि हम इन चुनावों में अकेले लड़ेंगे.'

इसके पहले अमित शाह के 'पटक देंगे' वाली टिप्पणी ने भी शिवसेना के गुस्से की आग में घी डालने का काम किया था. दरअसल, कुछ हफ्ते पहले शाह ने महाराष्ट्र के बीजेपी सांसदों को इन चुनावों में अकेले लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा था. उन्होंने ये भी कहा था कि जो भी सहयोगी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं आना चाहती है, बीजेपी उन्हें बाहर फेंक देगी.

इससे भी शिवसेना भड़की हुई है. इसके बाद बीजेपी महाराष्ट्र के एक सीनियर नेता ने बहुत रात गए दिल्ली में शाह से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह को राज्य के हालात की जानकारी दी. इसके बाद पीएम मोदी भी महाराष्ट्र कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने गए लेकिन उन्होंने भी गठबंधन पर कुछ नहीं बोला है.

लेकिन नेपथ्य में चल रही इन हलचलों से ये इशारा साफ मिलता है कि बीजेपी अभी तक खुद को अकेले लड़ने के लिए तैयार नहीं कर पाई है और गठबंधन के रास्ते खुले रखना चाहती है.

 

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