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करुणानिधि: द्रविड़ आंदोलन से सीएम तक का सफर कुछ ऐसा रहा

1957 में पहली बार जब करुणानिधि विधायक बने थे तब देश के पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू थे

Updated On: Aug 07, 2018 07:33 PM IST

FP Staff

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करुणानिधि: द्रविड़ आंदोलन से सीएम तक का सफर कुछ ऐसा रहा

दक्षिण भारत में सिनेमा से राजनीति में कदम रखने का ट्रेंड बहुत पुराना है. पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे डीएमके प्रमुख करुणानिधि भी ऐसे ही एक शख्स थे. भारतीय राजनीति में करुणानिधि एक अलग ही पहचान रखते थे.

एक राजनेता के साथ करुणानिधि तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक भी थे. उनके प्रशंसक उन्हें कलाइग्नर कहकर बुलाते हैं यानी तमिल कला का विद्वान.

पहली बार करुणानिधि ने 1969 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इसी साल डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की मौत के बाद से करुणानिधि के हाथ पार्टी की कमान थी.

करुणानिधि को तिरुचिरापल्ली जिले के कुलिथालाई विधानसभा से 1957 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए पहली बार चुना गया. 1961 में वो डीएमके कोषाध्यक्ष बने और 1962 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बने. 1967 में डीएमके जब सत्ता में आई तब करुणानिधि सार्वजनिक कार्य मंत्री बने.

इस तरह कूदे थे राजनीति में

करुणानिधि ने महज 14 की उम्र में राजनीति में कदम रखा. दक्षिण भारत में हिंदी विरोध पर मुखर होते हुए करुणानिधि हिंदी हटाओ आंदोलन में शामिल हो गए. 1937 में स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने पर बड़ी संख्या में युवाओं ने विरोध किया, उनमें से करुणानिधि एक थे. इसके बाद उन्होंने तमिल भाषा को हथियार बनाया और तमिल में भी नाटक और स्क्रिप्ट लिखने लगे.

करुणानिधि की बेहतरीन भाषा को देखते हुए पेरियार और अन्नादुराई ने उन्हें 'कुदियारासु' का संपादक बना दिया. हालांकि पेरियार और अन्नादुराई के बीच पैदा हुआ मतभेद और उसके बाद दोनों के अलग होने पर वो अन्नादुराई के साथ जुड़ गए जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

1957 में पहली बार जब करुणानिधि विधायक बने थे तब देश के पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू थे. इसके बाद जब वो पहली बार मुख्यमंत्री बने तो इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. वो तीसरी बार तब मुख्यमंत्री बने जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे. चौथी बार जब वो मुख्यमंत्री बने तब नरसिम्हा राव पीएम थे और पांचवी बार बने तो मनमोहन सिंह पीएम थे.

करुणानिधि ने तीन शादियां कीं. उनकी पहली पत्नी पद्मावती, दूसरी पत्नी दयालु अम्माल और तीसरी पत्नी रजति अम्माल हैं. उनकी पहली पत्नी का निधन हो गया है. उनके चार बेटे और दो बेटियां हैं. एमके मुथू पद्मावती के बेटे हैं, जबकि एमके अलागिरी, एमके स्टालिन, एमके तमिलरासू और बेटी सेल्वी, दयालु अम्मल की संतानें हैं. उनकी तीसरी पत्नी रजति अम्माल की बेटी कनिमोड़ी हैं.

(साभार: न्यूज18)

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