केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फोंस पदभार संभालते ही चर्चा में आ गए हैं. उन्होंने कहा है कि विदेशी पर्यटक अगर भारत आना चाहते हैं तो उससे पहले अपने देश में ही बीफ खाकर आएं.
गुरुवार को वह भुवनेश्वर में भारतीय एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर के 33वें वार्षिक सम्मेलन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. यहीं उनसे बीफ पाबंदी पर सवाल किए गए.
हालांकि वह अपनी ही बात से मुकर रहे थे. इससे चंद रोज पहले चार सितंबर को नए मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अल्फोंस ने कहा था कि केरल में बीफ का उपभोग जारी रहेगा.
इधर राज्यसभा सांसद शरद यादव ने अल्फोंस के बयान पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा है कि अल्फोंस को पता नहीं है कि वह किन लोगों के बीच फंस चुके हैं.
केरल कैडर के 1979 बैच के अधिकारी रहे अल्फोंस ने तब कहा था कि भाजपा ने यह कभी नहीं कहा कि गोमांस नहीं खाया जा सकता है. उनके मुताबिक, 'जैसे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पहले ही कह चुके हैं कि राज्य में गोमांस का उपभोग किया जा सकेगा. उसी तरह केरल में भी इसका उपभोग जारी रहेगा.'
अल्फोंस ने साफ कहा था कि 'भाजपा के पास यह कहने का अधिकार नहीं है कि गोमांस नहीं खाया जा सकता है. हम देश के किसी भी हिस्से में लोगों के खानपान की आदतें तय नहीं कर सकते है. यह फैसला करना लोगों का काम है कि उन्हें क्या खाना है.'
भाजपा को लेकर ईसाई समुदाय द्वारा उठाई गई चिंताओं को अल्फोंस ने दुष्प्रचार बताते हुये कहा कि साल 2014 में भी व्यापक पैमाने पर यह दुष्प्रचार फैलाया गया था कि मोदी सरकार बनने पर ईसाइयों को जलाया जायेगा और गिरजाघरों को ध्वस्त किया जायेगा.
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