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कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल जारी, BJP से बचाने के लिए कांग्रेस ने अपने 75 विधायकों को भेजा रिसॉर्ट

सिद्धरमैया ने कहा है कि उनकी पार्टी अपने विधायकों को बीजेपी के 'हमले' से 'बचाने' के लिए एक रिसॉर्ट ले जा रही है

Updated On: Jan 19, 2019 12:22 PM IST

FP Staff

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कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल जारी, BJP से बचाने के लिए कांग्रेस ने अपने 75 विधायकों को भेजा रिसॉर्ट

कर्नाटक में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच तनातनी कम नहीं हो रही है. कांग्रेस और जेडीएस लगातार बीजेपी पर अपनी सरकार को गिराने के लिए हॉर्स ट्रेंडिंग करने का आरोप लगा रही हैं. बीजेपी ने अपने विधायकों को गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में रखा था और अब कांग्रेस ने भी अपनी रिसॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू कर दी है.

शुक्रवार रात को कांग्रेस अपने 75 विधायकों को बेंगलुरु के ईगलटन रिसॉर्ट में ले गई है. यहां विधायकों की एक मीटिंग होनी है.

कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी पार्टी अपने विधायकों को बीजेपी के 'हमले' से 'बचाने' के लिए एक रिसॉर्ट ले जा रही है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों में तीन या चार सीटें ही मिलने का डर है.

सिद्धरमैया ने कहा, 'हमारे सभी विधायक एक साथ रहेंगे. हम वहां सूखे की स्थिति पर चर्चा करेंगे. हमारे सभी विधायक, सांसद और मंत्री एक जगह पर रहेंगे...जब तक जरूरी होगा, हम रहेंगे.'

कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कम से कम आठ विधायकों ने पाला बदलने का वादा किया था, इससे बचने के लिए विधायकों को शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक रिसॉर्ट ले जाया जा रहा है.

उधर एचडी कुमारास्वामी की सरकार गिराने के आरोपों के बीच कांग्रेस-जेडीएस ने शुक्रवार को विधायक दल की बैठक कराई गई थी, जिसमें चार नाराज कांग्रेसी विधायक नहीं पहुंचे थे. आंकड़ों के लिहाज से चार विधायकों की गैरमौजूदगी से सात महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस ग‍ठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि अब भी असंतोष झेल रही कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है.

 

बै‍ठक से पहले कांग्रेस विधायकों को जारी नोटिस में सीएलपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने चेतावनी दी थी कि विधायकों की गैरमौजूदगी को 'गंभीरता' से लिया जाएगा और दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सीएलपी बैठक के फौरन बाद कांग्रेस विधायकों को प्रदेश सचिवालय (विधान सौध) से दो बसों में शहर के पास स्थित एक रिसॉर्ट में ले जाया गया.

(एजेंसी से इनपुट के साथ)

 

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