कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सबके सामने हैं. किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है. वैसे बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. कांग्रेस ने जेडीएस के समर्थन से सरकार बनाने की बात भी कही है. जब किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो राज्यपाल का रोल काफी अहम हो जाता है. ऐसे में अब सबकी निगाहें कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला पर है. वजुभाई वाला गुजरात से हैं.
मोदी के साथ अच्छे रहे हैं संबंध
जब पहली बार नरेंद्र मोदी को विधानसभा चुनाव लड़ना था तब उन्होंने राजकोट की अपनी सीट खाली कर दी थी और मोदी वहां से पहली बार चुनाव जीते थे. 2014 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वजुभाई वाला को इनाम के तौर पर कर्नाटक का राज्यपाल पद मिला. ऐसे में लोग कयाल लगा रहे हैं कि राज्यपाल का अगला कदम क्या होगा.
किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं. हालांकि पिछले कुछ विधानसभा चुनावों पर नजर डाले तो सबसे बड़ी पार्टी सरकार बनाने में असफल रही है. सबसे बड़ी पार्टी न हो कर भी बीजेपी गोवा और मेघालय में सरकार बनाने में सफल रही थी. बीजेपी को अन्य दलों का समर्थन प्राप्त था.
क्या होगा कर्नाटक में
कर्नटाक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है. हालांकि वह बहुमत से दूर है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह जेडीएस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. सिद्धरमैया शाम चार बजे राज्यपाल से मुलाकात भी करने वाले हैं. माना जा रहा है कि जेडीएस के समर्थन से वो सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
राज्यपाल कांग्रेस नेता से मुलाकात के बाद क्या कदम उठाते हैं इस पर सबकी नजर बनी हुई हैं.
कौन हैं कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला
वजुभाई वाला गुजरात के पूर्व बीजेपी लीडर हैं जिन्होंने 2002 में नरेंद्र मोदी के लिए अपनी सीट छोड़ी थी. बाद में उन्होंने मोदी कैबिनेट में वित्त मंत्री के तौर पर काम भी किया था.
गुजरात के राजकोट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. लेकिन 1984 में बीजेपी ने यह सीट कांग्रेस से छीन ली थी. तबसे लेकर अब तक बीजेपी इस सीट पर चुनाव कभी नहीं हारी है.
वह 2002 तक राजकोट पश्चिम सीट से बीजेपी विधायक रहे. 2002 में उन्होंने बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के लिए सीट खाली कर दी. उपचुनाव में मोदी ने इस सीट पर 45 हजार वोटों से जीत दर्ज की. उनके निकटतम प्रतिद्ंवंद्वी कांग्रेस के अश्विनी महेता को 30,570 वोट मिले थे.
इसके 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में मोदी ने मणिनगर सीट से चुनाव लड़ा और वजुभाई वाला ने राजकोट पश्चिम में वापसी की. उन्होंने यहां से तीन और बार 2002, 2007 और 2012 में चुनाव जीते. उन्होंने राज्य की नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर भी काम किया.
साल 2014 में जब केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी और मोदी प्रधानमंत्री बने तब वजुभाई वाला को इनाम के रूप में कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया.
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