कर्नाटक में दो लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में शिमोगा सीट ही एकलौती है जिस पर बीजेपी को जीत का स्वाद चखने को मिला है. इस सीट पर बीजेपी की ओर से राज्य के पार्टी अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा के बेटे बी वाय राघवेंद्र ने जीत दर्ज की. कांग्रेस की ओर से इस सीट पर जेडीएस के मधु बंगरप्पा मैदान में थे.
राघवेंद्र ने इस सीट पर कड़े मुकाबले में 52 हजार 148 वोटों से जीत दर्ज की है. उन्होंने जेडीएस के उम्मीदवार मधु बंगारप्पा को हराया. हालांकि चुनाव विशेषज्ञों के मुताबिक यह कोई बड़ा अंतर नहीं है. शुरुआत में यहां कड़ा संघर्ष नजर आ रहा था. लेकिन दस राउंड के बाद राघवेंद्र ने मुकाबला अपने पक्ष में कर लिया. येदियुरप्पा यहां से 2014 का चुनाव 3 लाख 30 हजार वोटों के अंतर से जीते थे. तब कांग्रेस और जेडीएस अलग-अलग चुनाव लड़े थे.
येदियुरप्पा के इस्तीफे के कारण हुआ उपचुनाव
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा चुनावों के चलते इस सीट से लोकसभा सांसद बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया था. इसके चलते यहां लोकसभा सीट के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में यहां 61.05 प्रतिशत मतदान हुआ था.
शिमोगा पारंपरिक तौर पर कांग्रेस की सीट रही है. यहां 15 चुनावों में 11 बार कांग्रेस जीती है. ये तब तक था, जब येदियुरप्पा का उदय नहीं हुआ था. वहीं पूर्व मुख्य मंत्री बंगारप्पा यहां से आठ बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं. तीन बार उन्होंने शिवमोगा लोकसभा सीट जीती है. तीनों बार वो अलग-अलग पार्टियों के लिए जीते हैं. कांग्रेस, बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए.
बंगारप्पा की लोकप्रियता को भुनाने के लिए जेडीएस ने मधु को प्रत्यार्शी बनाकर उतारा था. हालिया चुनाव में मधु को उनके बड़े भाई बीजेपी के कुमार बंगारप्पा ने सागर विधानसभा से हराया था. 2013 में मधु ने इसी जगह से कुमार को हराया था. हालांकि उपचुनाव में वह इस सीट पर जीत न दर्ज कर सकी.
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