live
S M L

फिर से राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार थे कलाम, कांग्रेस ने नहीं दिया साथ तो पीछे खींचे कदम

कुछ हिंदू धार्मिक संगठनों के नेताओं की खुले दिल से की गई तारीफ और भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए उनके कामोंं ने उन्हें 'हिंदू भारत' का पसंदीदा मुस्लिम बना दिया था

Updated On: Dec 26, 2018 09:43 PM IST

FP Staff

0
फिर से राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार थे कलाम, कांग्रेस ने नहीं दिया साथ तो पीछे खींचे कदम

इतिहासकार राजमोहन गांधी की किताब में दावा किया गया है कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम 2012 में दूसरे बार भारत के राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी की तरफ से समर्थन न मिलने के चलते उनका मन बदल गया. राजमोहन गांधी कि किताब, 'मॉडर्न साउथ इंडिया: ए हिस्ट्री फ्रॉम दि सेवेन्टीन्थ सेंचुरी टु आवर टाइम्स' में यह खुलासा किया गया है.

किताब के मुताबिक कलाम बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के समर्थन के साथ राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार थे. हालांकि जब कांग्रेस ने और उनकी पार्टी ने समर्थन नहीं किया तो कलाम ने खुद को राष्ट्रपति की रेस से बाहर कर लिया. और इस तरह साल 2012 में कांग्रेस के समर्थन से दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति बने.

कलाम बन गए थे हिंदू भारत के पसंदीदा मुस्लिम

मुखर्जी से पहले प्रतिभा देवी पाटिल भारत की राष्ट्रपति थीं, जो कि कलाम के पहले कार्यकाल के बाद यानी साल 2007 में इस पद पर नियुक्त हुई थीं. किताब में गांधी ने लिखा, '2007 में राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल खत्म होने के बाद भारत की पुरातन संस्कृति के प्रति कलाम का उत्साह, कुछ हिंदू धार्मिक संगठनों के नेताओं की खुले दिल से की गई तारीफ और भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए किए गए उनके पहले के काम ने उन्हें 'हिंदू भारत' का पसंदीदा मुस्लिम बना दिया.'

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक गांधी ने किताब में लिखा है कि अब्दुल कलाम बीजेपी, टीएमसी और उनके समर्थित दलों के आग्रह पर साल 2012 में एक बार फिर से राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए राजी हो गए थे. हालांकि कांग्रेस को यह बात रास नहीं आई और कांग्रेस का समर्थन न मिलने के चलते उन्होंने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.

0

अन्य बड़ी खबरें

वीडियो
KUMBH: IT's MORE THAN A MELA

क्रिकेट स्कोर्स और भी

Firstpost Hindi