झारखंड निकाय चुनाव में बीजेपी ने सूबे के पांचों नगर निगम पर कब्जा जमाया है. पांचों नगर निगम के मेयर और उपमेयर पद पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज कराई है.
पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम के लिए मेयर पद पर बीजेपी के अरूणा शंकर, तो उपमेयर पद के लिए बीजेपी के ही राकेश कुमार ने फतह हासिल की है. मेयर पद के लिए अरूणा सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी पूनम सिंह को हराया, जबकि डिप्टी मेयर पद पर राकेश कुमार ने जेएमएम प्रत्याशी को मात दी.
गिरिडीह नगर निगम में भी मेयर और डिप्टी मेयर पद पर कमल का कब्जा हुआ. मेयर पद के लिए सुनील कुमार पासवान और डिप्टी मेयर पद पर प्रकाश राम ने जीत हासिल की. दोनों ने कांग्रेस प्रत्याशियों को हराया. प्रकाश राम वर्तमान में बीजेपी के गिरिडीह जिलाध्यक्ष भी हैं. सुनील कुमार पासवान बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के सदस्य हैं.
केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के क्षेत्र हजारीबाग नगर निगम में भी बीजेपी का परचम लहरा. मेयर पद पर रौशनी तिर्की और डिप्टी मेयर पद राजकुमार चौधरी को जीत मिली है. दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को हार मिली है. रौशनी तिर्की को केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का करीबी माना जाता है, जबकि राजकुमार लाल पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. पिछले कुछ समय से वह हाशिए पर थे, लेकिन निकाय चुनाव में पार्टी ने उन्हें मौका दिया और वह उप महापौर पद पर जीते हैं.
नगर परिषद से पहली बार नगर निगम बने सरायकेला के आदित्यपुर में बीजेपी के विनोद श्रीवास्तव और अमित सिंह, मेयर और डिप्टी मेयर पद पर जीत पाई है. विनोद श्रीवास्तव आदित्यपुर नगर परिषद में उपाध्यक्ष थे. इस लिहाजा से एक बार फिर जनता ने उनपर भरोसा जताया है. अमित सिंह को बीजेपी ने नया चेहरा के रूप में जनता के सामने रखा, जिनको जनता ने स्वीकार किया है.
रांची नगर निगम, बीजेपी और खासकर सीएम रघुवर दास के लिए सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा का विषय था, जिसे बीजेपी ने बचा लिया है. रांची नगर निगम के दोनों पदों, मेयर पद पर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर पद पर संजीव विजयवर्गीय ने जीत दर्ज कराई है. इस जीत के साथ ही दोनों ने अगले पांच साल तक के लिए अपनी-अपनी कुर्सी भी बचा ली है.
चुनाव परिणाम से उत्साहित हैं सीएम रघुबर दास
स्थानीय निकायों में बीजेपी अपने प्रदर्शन से गदगद हैं. नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में बीजेपी ने आधे से ज्यादा जगहों पर जीत हासिल की है. सूबे के मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के 34 पदों पर बीजेपी के लोगों को काबिज होने में सफलता मिली है. वहीं स्थानीय निकायों के परिणाम के बाद सूबे के मुख्यमंत्री रघुबर दास काफी उत्साहित हैं. वजह साफ है हाल के दिनों में बीजेपी विपक्षियों के निशाने पर थी लेकिन इस चुनाव के बाद पार्टी के साथ-साथ रघुवर दास का मनोबल काफी ऊंचा हुआ है.
मुख्यमंत्री ने निकाय चुनावों के परिणाम आने के साथ ही संवाददाता सम्मेलन बुलाकर इस भारी जीत के लिए जहां जनता के प्रति आभार व्यक्त किया. वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं की जमकर तारीफ भी की. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि उनकी सरकार सूबे में बेहतर काम कर रही है और सरकार के तमाम योजनाओं को जनता ने सराहा है. सड़क, बिजली, पानी और गरीबों को गैस देने जैसी योजनाओं की शुरुआत जो पार्टी ने की थी जिसकी मुहर जनता ने वोट डालकर लगा दिया.
विपक्षी पार्टियों ने अलग-अलग ही सही संवाददाता सम्मेलन के जरीए यह स्वीकार किया कि नगर निकाय चुनाव से पहले अगर विपक्षियों के बीच आपसी गठबंधन होते और समान रणनीति के तहत चुनाव प्रचार किए जाते तो परिणाम काफी अलग और चौकानें वाला होता. विपक्ष के इस चिंतन के पीछे कारण साफ है...क्योकि चंद हफ्ते पहले ही राज्यसभा के चुनाव के दौरान विपक्षी एकता साफ दिखी थी और प्रतिकुल राजनीति परिस्थितियों के बावजूद एक सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार धीरज साहु की जीत हुई थी.
नगर निकाय चुनाव को सूबे में लोकसभा और विधानसभा से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा था. इस जीत में बीजेपी ने अपने सरकार के तीन साल के कामकाजों को जनता तक ले जाने और समझाने में सफल हुई वहीं कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण और उत्साह के साथ-साथ उनकी सक्रियता को बरकरार रखने में कामयाब नजर आईं.
वहीं विपक्षी पार्टियां एक बार फिर से अलग-थलग रहीं. चुनाव के दौरान प्रचार प्रसार और कार्यकर्ताओं की भागीदारी ना के बराबर दिखीं कारण बड़े नेताओं की उदासीनता थी. पार्टियां जीत हार के लिए एक ठोस रणनीति पर काम करती हैं. कैडर जनता की मूड, राज्य में राजनीति परिस्थियां, सरकार की खामियां जैसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश होती है लेकिन यहां भी विपक्ष फेल नजर आई.
नगर निकाय के चुनाव ने एक बार फिर से सूबे में बीजेपी के मजबूत जनाधार की पुष्टि की है. वहीं विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती के तरफ इशारा किया है. समय रहते अगर विपक्ष एक सोची समझी रणनीति के तहत खुद को ताकतवर नहीं करती है तो परिणाम पिछले विधानसभा चुनाव से इतर नहीं होने वाला यह बिल्कुल साफ है.
(न्यूज18 के लिए राजेश तोमर की रिपोर्ट के इनपुट्स के साथ)
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