झारखंड में प्रमुख विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को तगड़ा झटका लग सकता है. उसके विधायक अमित महतो को कोर्ट ने 12 साल पुराने मामले में शुक्रवार को दो साल की सजा सुनाई है. ऐसे में उनकी विधायकी जानी लगभग तय है. हालांकि सजा से पहले वह राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में अपना वोट डाल चुके थे.
जानकारी के मुताबिक साल 2005 में उन्होंने सोनाहातू के तत्कालीन बीडीओ आलोक कुमार संग मारपीट की थी. शुक्रवार को कोर्ट ने सजा सुनाई. थोड़ी ही देर बाद विधायक को कोर्ट से जमानत भी मिल गई. वह सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. चुनाव में उन्होंने पूर्व उप मुख्यमंत्री और आजसू प्रमुख सुदेश महतो को हराया था.
अमित महतो पर भीड़ के साथ हथियार से लैस होकर सीओ पर जानलेवा हमला करने अौर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगा था. सोनाहातू थाना में तत्कालीन सीओ आलोक कुमार ने 28 जून, 2006 को मामला दर्ज कराया था.
झारखंड के 81 विधानसभा सदस्यों में इस वक्त जेएमएम के कुल 18 विधायक हैं. अगर अमित महतो की विधायकी रद्द होती है तो उसके मात्र 17 विधायक ही रह जाएंगे.
इसके साथ ही इसी पार्टी के गुमला से विधायक योगेंद्र प्रसाद को भी कोर्ट कोयला चोरी में सजा सुना चुकी है. हालांकि अभी इनकी विधायकी पर रद्द होने संबंधी मामला अटका हुआ है. यही वजह है कि शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनाव में योगेंद्र प्रसाद मतदान भी नहीं कर पाए.
(फोटो अमित महतो के फेसबुक वॉल से)
सरोज खान के बयान पर रेणुका चौधरी और नगमा ने भी अपनी बात रखी लेकिन क्या उन्हें खुलकर नहीं बोलना चाहिए?
राजस्थान में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद, पुलिस ने 378 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया, हरियाणा और गुजरात में भी अतिरिक्त बल तैनात
नेट बैंकिंग के माध्यम से एसबीआई या उससे संबंधित अन्य बैंकों से टिकट बुक कर रहे हैं तो 10 रुपए ट्रांजेक्शन चार्ज के अलावा अन्य टैक्स काटे जाएंगे
उम्मीद की जानी चाहिए कि राजस्थान सरकार और पुलिस ने राम रहीम केस में हिंसा से सबक लिया होगा
उबर सवारी का डाटा ड्राइवर के डाटाबेस में से नहीं हटाता था और यह हमेशा के लिए ड्राइवर के डाटाबेस में ही रह जाता था