जम्मू कश्मीर में राजनीतिक उथलपुथल अपने चरम पर है. बीजेपी को मात देने के लिए विपक्ष एकसाथ आकर सरकार बनाने की तैयारी में था, लेकिन उसकी यह रणनीति धरी की धरी रह गई. पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ जैसे ही सरकार बनाने का दावा पेश किया पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी अपना दावा पेश कर दिया.
मुफ्ती का दावा था कि उनके पास 56 विधायकों का सपोर्ट है. हालांकि बुधवार रात 8.30 बजे सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए कहा कि पीडीपी के 18 विधायक उनके साथ हैं. अभी यह कयास लगाए ही जा रहे थे कि सरकार बनाने का मौका किसे मिलेगा? तब तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी. पढ़िए इस बीच 2015 में बीजेपी-पीडीपी की गठबंधन सरकार बनने के बाद से लेकर विधानसभा भंग होने तक राज्य की राजनीति में क्या कुछ हुआ...
- मार्च 2015 में जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी की गठबंधन सरकार बनी थी. उस वक्त मुफ्ती मोहम्मद सईद राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था. लेकिन उनके और बीजेपी के बीच चीजें बिगड़ती चली गईं और 16 जून, 2018 को पीडीपी-बीजेपी गठबंधन से बीजेपी अलग हो गई. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
-19 जून से वहां राज्यपाल शासन लगा हुआ. बता दें कि 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे. इसे और अधिक बढ़ाया नहीं जा सकता है.
- इस बीच कई बार खबरें आई की पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं.
- 2 जुलाई को खबर आई कि पीडीपी और कांग्रेस साथ मिलकर बनाने को तैयार हैं. लेकिन कांग्रेस ने गठबंधन सरकार बनाने की अटकलों को खारिज कर दिया था.
- जहां बीजेपी राज्यपाल शासन लगाने की मांग कर रही थी, वहीं पीडीपी किसी तरह अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी थी. जब कि नेशनल कॉन्फ्रेंस राज्य में जल्द चुनाव कराने की मांग कर रही थी.
- इस बीच 21 अगस्त को सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया.
- 20 नवंबर को खबर आई कि पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने को लेकर डील हो गई है और अगर सरकार बनती है तो पीडीपी के वरिष्ठ नेता अल्ताफ बुखारी जम्मू कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे.
- 21 नवंबर को महबूबा मुफ्ती ने 56 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा किया. मुफ्ती ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 29 सदस्य हैं.
- पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ जैसे ही सरकार बनाने का दावा पेश किया पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी अपना दावा पेश कर दिया.
- पीडीपी अध्यक्ष द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किए जाने के कुछ ही देर बाद जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य विधानसभा भंग कर दी.
- विधानसभा भंग करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है.
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