बुधवार की शाम एक नाटकीय अंदाज में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा को भंग कर दिया. हालांकि जिस नाटकीय अंदाज में यह सब घटित हुआ उस पर चुटकी लेते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर राज भवन को जल्द ही नई फेक्स मशीन की जरूरत होगी.
इसी के साथ आनन-फानन में राज्यपाल द्वारा विधानसभा भंग करने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए उमर अब्दुल्ला ने किसी साजिश की आशंका जाहिर की. उन्होंने ट्वीट किया, 'जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस पिछले पांच महीनों से विधानसभा भंग करने के लिए दवाब बना रही थी. यह एक संयोग नहीं हो सकता कि महबूबा मुफ्ती साहिबा के दावा पेश करने के कुछ मिनटों के भीतर ही अचानक विधानसभा भंग कर दी गई.'
JKNC has been pressing for assembly dissolution for 5 months now. It can’t be a coincidence that within minutes of Mehbooba Mufti Sahiba letter staking claim the order to dissolve the assembly suddenly appears.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 21, 2018
सरकार बनाने का दावा पेश करने वाली पीडीपी ने भी राज्यपाल के इस कदम की जम कर आलोचना की है. पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती का कहना है कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वह सदन में अपने नंबर साबित कर के दिखाते.
गुलाम नबी आजाद ने भी किया केंद्र पर हमला
कांग्रेस नेतार गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'मैंने आज दोपहर यह कहा था कि यह एक सुझाव है और अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है (पीडीपी-एनसी-कांग्रेस गठबंधन पर). एक प्रस्ताव ही दिया था कि बीजेपी ने असेंबली भंग कर दी.'
I said this afternoon also that it's a suggestion & no final decision has been taken yet (on PDP-NC-Congress alliance). BJP dissolved the assembly even though only a proposal was made: Ghulam Nabi Azad, Congress on #JammuAndKashmir Governor dissolves J&K Legislative Assembly. pic.twitter.com/MUveg301gI
— ANI (@ANI) November 21, 2018
महबूबा को जाना चाहिए अदालत
वहीं प्रॉफेसर शैफुद्दीन सोज़ ने कहा, 'महबूबा जी को अदालत में जाना चाहिए क्योंकि राज्यपाल ने केंद्र के निर्देशों पर जो किया है वह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है. महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और एनसी का पीडीपी को समर्थन देने के बाद ही राज्यपाल को पत्र लिखा था. और राज्यपाल को उन्हें एक मौका देना चाहिए था.'
Mehbooba Ji should move court as what Governor has done on Centre's instructions is undemocratic & unconstitutional. Mehbooba Mufti wrote to Governor only after Congress & NC supported PDP & Guv should've given her a chance: Prof Saifuddin Soz, Congress, on J&K assembly dissolved pic.twitter.com/4EyP3Pnjdz
— ANI (@ANI) November 21, 2018
गौरतलब है कि पीडीपी ने बुधवार रात जब राज्यपाल को राज्य में सरकार बनाने का प्रस्ताव पास किया उसके चंद मिनटों बाद जम्मू कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया. इसके बाद आनन-फानन में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी, और इसी के साथ सरकार बनाने की संभावनाएं समाप्त हो गईं.
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