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'राज्यपाल को हमारा फैक्स नहीं मिला लेकिन विधानसभा भंग करने का बयान तुरंत जारी हो गया'

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल के फैसले बाद एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की

Updated On: Nov 22, 2018 10:07 AM IST

FP Staff

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'राज्यपाल को हमारा फैक्स नहीं मिला लेकिन विधानसभा भंग करने का बयान तुरंत जारी हो गया'

बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुए विपक्ष की रणनीति पर उस वक्त पानी फिर गया जब जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने बुधवार को विधानसभा भंग कर दी. यानी अब किसी पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा.  राज्यपाल के इस फैसले से विपक्ष में भारी नाराजगी है.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल के फैसले बाद एक के बाद एक कई ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि ने  पिछले पांच महीनों से राजनीतिक संबद्धताओं की परवाह किए बगैर हमने इस विचार को साझा किया था कि विधायकों की खरीद फरोख्त और दलबदल को रोकने के लिए राज्य विधानसभा को तत्काल भंग किया जाना चाहिए.’

उन्होंने कहा,‘लेकिन हमारे विचारों को नजरअंदाज किया गया. लेकिन किसने सोचा होगा कि एक महागठबंधन का विचार इस तरह की बैचेनी देगा’

उन्होंने यह भी कहा कि आज की तकनीक के दौर में यह बहुत अजीब बात है कि राज्यपाल आवास पर फैक्स मशीन को हमारा फैक्स नहीं मिला लेकिन विधानसभा भंग किए जाने के बारे में तेजी से बयान जारी किया गया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक लोकप्रिय सरकार का गठन करने के लिए वार्ता प्रारंभिक चरण में थी और केन्द्र की भाजपा सरकार इतनी चिंतित थी कि उन्होंने विधानसभा भंग कर दी.

इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया कि 'नेता के रूप में मेरे 26 साल के करियर में मैंने सब कुछ देखा है. लेकिन जैसा कि वे कहते हैं कभी नहीं, कभी नहीं करो. मैं शुक्रगुजार हूं कि उमर अब्दुल्ला और अंबिका सोनी की जिनकी मदद से यह संभव हो सका.' इस ट्वीट के जवाब में उमर ने उनके बयान के समर्थन वाला ट्वीट किया.

वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘यह साफ है कि बीजेपी की नीति यही है कि या तो हम हों या कोई नहीं.’ इससे पहले इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में बेहतर विकल्प यह है कि यहां जल्द से जल्द नए विधानसभा चुनाव कराए जाए.

बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों के प्रस्तावित गठबंधन की आलोचना करते हुए इसे ‘आतंक-अनुकूल पार्टियों का गठबंधन’ बताया.

दूसरी तरफ नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह उनकी टिप्पणियों को रीट्वीट करेंगे.

उमर ने अपने ट्वीट में कहा, 'और मैंने कभी नहीं सोचा था कि आपसे सहमत होते हुए मैं आपके किसी भी बयान को रीट्वीट करूंगा. राजनीति वाकई में अजीब संसार है. आगे की लड़ाई के लिए शुभकामनाएं.' उमर ने महबूबा के बयान को 15 मिनट में चार बार रीट्वीट किया.

इससे पहले विधानसभा भंग होने के बाद उन्होंने ट्वीट किया था कि 'उनकी पार्टी पांच महीनों से विधानसभा भंग किए जाने का दबाव बना रही थी. यह कोई संयोग नहीं हो सकता कि महबूबा मुफ्ती के दावा पेश किए जाने के कुछ ही मिनटों के भीतर अचानक विधानसभा को भंग किए जाने का आदेश आ गया.'

(भाषा से इनपुट)

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