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इन वजहों से राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर में नहीं बनाने दी सरकार

राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का फैसला क्यों लिया, ये साफ करने के लिए चार कारण बताए गए हैं

Updated On: Nov 22, 2018 10:02 AM IST

FP Staff

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इन वजहों से राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर में नहीं बनाने दी सरकार

जम्मू कश्मीर की राजनीति में बुधवार का दिन काफी अहम साबित हुआ. बीजेपी के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट होकर सरकार बनाने की तैयारी में था लेकिन जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक की तरफ से विधानसभा भंग कर देने के कारण विपक्ष की यह रणनीति धरी की धरी रह गई.

दरअसल पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ जैसे ही सरकार बनाने का दावा पेश किया पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी अपना दावा पेश कर दिया. अभी यह कयास लगाए ही जा रहे थे कि सरकार बनाने का मौका किसे मिलेगा? तब तक जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी.

सत्यपाल मलिक के इस फैसले से विपक्ष में भारी नाराजगी है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक अब मलिक ने ये फैसला क्यों लिया यह साफ करने के लिए राजभवन की तरफ से बयान जारी किया गया है. राज्यपाल की तरफ से इस फैसेल को लिए जाने के लिए 4 कारण बताए गए हैं.

क्या हैं वो चार कारण?

1. विधानसभा भंग करने की पहली वजह ये बताई गई कि अलग-अलग विचारधाराओं वाली राजनीतिक पार्टियों के एक साथ आने से स्थायी सरकार बनना नामुमकिन है. बयान में कहा गया कि इनमें से कुछ पार्टियां ऐसी थी जो विधानसभा भंग करने की मांग करती थी. ऐसी पार्टियों के साथ आने का एक ही मकसद हो सकता है सत्ता को हथियाना न कि एक जिम्मेदार सरकार बनना.

2. विधानसभा भंग करने की दूसरी वजह ये बताई गई कि ऐसी जानकारी मिली थी कि राजनीति पार्टियां विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए हॉर्स ट्रेंडिंग करने वाली थी.

3. जब भी इस तरह की सरकार बनती है, बहुमत के लिए अलग-अलग दावें किए जाते हैं. ऐसी व्यवस्था की सरकार के ज्यादा दिन चलने पर संदेह जताया जाता है.

4. जम्मू कश्मीर में सुरक्षा के लिहाज से हालात नाजुक हैं. ऐसे में सुरक्षाबलों को दोस्ताना और स्थायी माहौल की जरूरत है. इसलिए विधानसभा भंग करना ही सबसे अच्छआ विकल्प है, ताकि राज्य को स्थायित्व और सुरक्षा प्रदान की जा सके. बयान में कहा गया कि  ऐसे में जरूरत इस बात कि है कि स्पष्ट बहुमत के साथ उचित प्रक्रिया से सरकार बनवाने के लिए सही समय पर चुनाव करवाए जा सकें.'

जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के बाद अब किसी भी पार्टी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा. राज्य में अब चुनाव कराए जाएंगे.

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