गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के मंदिर यात्रा को लेकर राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर जमकर चर्चा हुई कि कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति कर रही है. इन यात्राओं में उनके साथ रहे कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने इस मामले पर बयान दिया है.
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर कहा कि यह जरूरी हो गया था कि इस धारणा को तोड़ा जाए जिसमें लोग यह समझने लगे थे कि बीजेपी मतलब हिंदू और कांग्रेस मतलब मुस्लिम.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, गहलोत ने यह भी माना कि मणिशंकर अय्यर के नीच वाले बयान और कपिल सिब्बल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मामले को जुलाई 2019 तक टालने की बात से नरेंद्र मोदी को गुजरात चुनाव में मुद्दों को भटकाने का मौका मिल गया.
चुनाव अभियान में अल्पसंख्यकों पर कांग्रेस की चुप्पी और पार्टी के जनेऊधारी हिंदू के बयान के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा कि वह केवल इस बात पर काम कर रहे थे कि एक नेता को सभी धार्मिक स्थानों पर जाना चाहिए.
उन्होंने कहा '..और क्योंकि कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता को आधार मान कर चली है हमेशा, तो एक मैसेज तैयार किया देश को कि हम सब धर्मों को लेकर चलना चाहते हैं देश के हित में. उस परसेप्शन को उन्होंने मिसयूज किया बीजेपी ने- कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी बन गई है. कांग्रेस मुसलमानों को तरजीह दे रही है औऱ ये बात हिंदुओं को दिमाग में आ गई है कंट्री के अंदर. राम मंदिरके नाम पे आ गई थी.. आज से 20-25 साल पहले... यात्रा निकाली गई थी.. गांव-गांव के अंदर.. पैसे इकट्ठे किए गए थे.. ऐसे माहौल बन गया कंट्री के अंदर.'
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