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IAS की नौकरी छोड़ चुके शाह फैसल ने की कश्मीर मसला सुलझाने की मांग

अपने सियासी सफर के लिए आम लोगों से चंदे की वसूली (क्राउडफंडिंग) का अभियान शुरू कर चुके फैसल 1994 में कुपवाड़ा कस्बे में 27 लोगों के मारे जाने और 38 अन्य लोगों के घायल होने की घटना पर टिप्पणी कर रहे थे

Updated On: Jan 27, 2019 10:22 PM IST

FP Staff

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IAS की नौकरी छोड़ चुके शाह फैसल ने की कश्मीर मसला सुलझाने की मांग

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने रविवार को कहा कि वक्त आ गया है कि कश्मीर मसले को सुलझाया जाए क्योंकि ‘राजनीतिक समस्याओं के सैन्य समाधान से कुछ नहीं होगा बल्कि कब्रिस्तान बनेंगे.'

अपने सियासी सफर के लिए आम लोगों से चंदे की वसूली (क्राउडफंडिंग) का अभियान शुरू कर चुके फैसल 1994 में कुपवाड़ा कस्बे में 27 लोगों के मारे जाने और 38 अन्य लोगों के घायल होने की घटना पर टिप्पणी कर रहे थे.

फैसल ने एक ट्वीट में कहा, 'राजनीतिक समस्याओं का समाधान सैन्य तरीके से करने के प्रयास में इधर भी कब्रिस्तान बनते हैं और उधर भी.'

उन्होंने कहा, 'कुपवाड़ा में जनसंहार की 25वीं बरसी पर आज मैं कश्मीर के लोगों और उनकी कुर्बानी के प्रति एकजुटता व्यक्त करता हूं.' फैसल ने कहा, 'समाधान का समय आ गया है.' उन्होंने नौ जनवरी को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया था.

उन्होंने मई तक राष्ट्रीय चुनाव लड़ने के लिए घोषणा की थी लेकिन यह भी कहा था कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होंगे. ऐसे में शाह का जनता से चंदा मांगना इन अटकलों को जोर दे रहा है कि वह अपनी राजनीतिक पार्टी बनाएंगे.

गौरतलब है कि जब फैसल ने आईएएस से इस्तीफा दिया तो उन्होंने कहा था कि कश्मीर में कथित हत्याओं के मामलों में केंद्र सरकार ने गंभीर प्रयास नहीं किए जिसकी वजह से 20 करोड़ मुसलमानों की स्थिति खराब हो गई. उन्होंने असहिष्णुता और बढ़ती नफरत का भी हवाला दिया था.

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