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मैंने प्रदेश में सरकार मुख्यमंत्री नहीं, परिवार का सदस्य बनकर चलाई: शिवराज सिंह

शिवराज ने कहा 'जान कर मैं कभी करता नहीं, यदि मेरे मुख्यमंत्री रहने के दौरान मेरे काम, मेरे शब्दों या मेरे भाव से अंजाने में प्रदेशवासियों के मन को कष्ट हुआ हो तो मैं हृदय से क्षमाप्रार्थी हूं.'

Updated On: Dec 12, 2018 04:25 PM IST

FP Staff

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मैंने प्रदेश में सरकार मुख्यमंत्री नहीं, परिवार का सदस्य बनकर चलाई: शिवराज सिंह

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि वह राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे. इसके साथ उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

इस्तीफे के बाद शिवराज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा 'मेरा सौभाग्य है कि 13 साल मुझे मध्यप्रदेश व प्रदेशवासियों की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ. प्रदेशवासियों का असीम स्नेह सरकार और विशेष रूप से मुझे सदैव मिलता रहा. मैंने प्रदेश में सरकार मुख्यमंत्री बन कर नहीं बल्कि एक परिवार का सदस्य बन कर चलाने की कोशिश की.'

उन्होंने कहा '7.5 करोड़ मध्यप्रदेशवासी मेरे परिवार के सदस्य हैं, उनका सुख मेरा सुख व उनका दु:ख मेरा दु:ख है. मैंने पूर्ण क्षमता के साथ अपनी टीम के साथ मिलकर प्रदेश का विकास और जनता का कल्याण करने की कोशिश की है, किसी भी प्रकार की कसर कहीं नहीं छोड़ी.'

शिवराज ने कहा 'जान कर मैं कभी करता नहीं, यदि मेरे मुख्यमंत्री रहने के दौरान मेरे काम, मेरे शब्दों या मेरे भाव से अंजाने में प्रदेशवासियों के मन को कष्ट हुआ हो तो मैं हृदय से क्षमाप्रार्थी हूं. कार्यकर्ताओं के परिश्रम को प्रणाम और केंद्रीय नेतृत्व का आभार प्रकट करता हूं.'

एमपी के पूर्व सीएम ने कहा 'लोकतंत्र में व्यक्ति आएंगे-जाएंगे, लेकिन जनता के कल्याण में सेवाएं नहीं बदलनी चाहिए. जो अपने वचनपत्र में कांग्रेस ने वचन दिए हैं. किसानों का कर्ज माफ जैसे वचन उन्होंने दिए हैं. क्योंकि राहुल जी ने कहा था कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम सीएम बदल देंगे.'

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