हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में बीजेपी राज्य में सत्ता पाने के लिए पूरी मेहनत कर रही है. वहीं कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने के लिए रणनीति बना रही है. ऐसे में बीजेपी ने नूरपुर सीट से अपने पुराने उम्मीदवार को उतारने का फैसला किया है.
वहीं कांग्रेस ने नूरपुर सीट से 5 बार विधायक रहे सत महाजन के बेटे अजय महाजन को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. अजय महाजन फिलहाल कांगड़ा की नूरपुर सीट से विधायक हैं. वहीं बीजेपी उम्मीदवार राकेश पठानिया निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर अजय महाजन को धूल चटा चुके हैं. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा इस सीट पर कांटे की टक्कर है.
राकेश पठानिया (बीजेपी उम्मीदवार, नूरपुर विधानसभा)
करीब दस साल तक पार्टी टिकट से बाहर रहने वाले राकेश पठानिया को आखिरकार कमल का साथ मिल ही गया. पठानिया को बीजेपी का टिकट मिलने से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है. 10 साल के बाद पार्टी ने राकेश पठानिया के जनाधार को स्वीकारते हुए उन्हें नूरपुर से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है.
पठानिया 1998 में बीजेपी से विधायक बने थे. 2003 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2007 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. इससे निराश पठानिया निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और जीत हासिल की. 2012 में फिर पठानिया को टिकट नहीं मिली. फिर से पठानिया निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हो गए और बीजेपी उम्मीदवार से तीन गुणा अधिक वोट हासिल किए, लेकिन वह इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय महाजन से हार गए थे. इससे उन्हें पार्टी से भी बाहर रहना पड़ा और लोकसभा चुनाव से पहले राकेश पठानिया की बीजेपी में वापसी हुई.
अजय महाजन (कांग्रेस उम्मीदवार, नूरपुर विधानसभा)
नूरपुर क्षेत्र से कांग्रेस के अजय महाजन विधायक है. इस बार भी पार्टी ने अजय महाजन पर ही अपना दाव खेला है. अयज महाजन ने 2012 में निर्दलीय उम्मीदवार राकेश पठानिया को पटखनी दी थी. 2012 में उन्हें 46.35 प्रतिशत वोट मिल थे. कुल 26,546 वोट पाकर अजय इस सीट से विधायक चुने गए थे. एक बार फिर अजय महाजन के लिए कांटे की टक्कर होगी राकेश पठानिया से. इस बार राकेश बीजेपी के उम्मीदवार हैं.
वहीं 2007 की बात करें तो अजय महाजन निर्दलीय उम्मीदवार राकेश पठानिया से हर गए थे. 2007 में अजय को 24,963 वोट मिले थे. वहीं राकेश को 29,128 वोट मिले थे. इससे पहले अजय महाजन के पिता सत महाजन इस सीट से पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं. सत महाजन को राज्य सरकार में कई अहम पद मिल चुके थे.
2012 के आंकड़ों के अनुसार इस सीट के लिए करीब 72,585 मतदाता थे. पिछले विधानसभा चुनाव में नूरपुर क्षेत्र से 11 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा था.
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