राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. लगभग 5 घंटे तक चली सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सभी याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
Supreme Court reserves verdict on a bunch of petitions demanding a probe into the #RafaleDeal. pic.twitter.com/TVnVgEIwpM
— ANI (@ANI) November 14, 2018
सुनवाई के दौरान बेंच ने सभी संबंधित पक्षों की तरफ से पेश दलीलों को सुना. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं और सरकार के साथ-साथ वायुसेना अधिकारियों से भी विस्तार से उनका पक्ष सुना. सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने वायुसेना के एयर मार्शल और उप-एयर मार्शल से कहा, कोर्ट में अलग तरह की लड़ाई होती है इसलिए आप जाइए और युद्ध के मैदान में अपना कौशल दिखाइए.
The Air Marshal and Vice-Marshals can go back. It is a different war game here in court. You can go to the actual war rooms: CJI Ranjan Gogoi after hearing senior Indian Air Force officials on issue of #RafaleDeal
— ANI (@ANI) November 14, 2018
इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि राफेल सौदे की कीमतों पर तभी कोई बहस हो सकेगी, जब कोर्ट यह तय करेगी कि उन पहलुओं का सार्वजनिक होना जरूरी है.
Rafale Jet Deal Case: CJI Ranjan Gogoi says, any debate on pricing of the Rafale deal comes only if this Court decides those aspects needs to come in public domain.
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चीफ जस्टिस ने रक्षा मंत्रालय का पक्ष सुनने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हम वायुसेना से मामले की सुनवाई कर रहे हैं इसलिए एयरफोर्स का कोई अधिकारी आकर अपनी जरूरतें बताए. सूत्रों के मुताबिक कोर्ट को जानकारी दी गई कि कुछ देर में एयरफोर्स के एक अधिकारी आ रहे हैं.
Rafale Jet Deal Case: CJI Ranjan Gogoi asks AG KK Venugopal, is any officer from Indian Air Force present in court to answer the queries on the issue? After all we are dealing with the air force, we would have liked to ask from the officer of Air force on the issue.
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अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बहस में केंद्र की ओर से कोर्ट को सौंपे गए सीलबंद लिफाफे में केवल विमानों की कीमत बताने की जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच इस समझौते की जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि इस सौदे की कीमतों के बारे में नहीं बल्कि इसके तकनीकी और रक्षा पहलू को लेकर जानकारी गोपनीय रखी गई है.
Rafale Jet Deal Case: AG KK Venugopal appearing for the Centre says, pricing details have been given in a sealed cover but there are factors like inter governmental agreement which barred its disclosure.
— ANI (@ANI) November 14, 2018
Rafale Jet Deal Case: AG KK Venugopal appearing for the Centre tells SC that secrecy is not on the price of aircraft but on weaponry & avionics.The price of Rafale with break up of weapons&avionics has been shared with the Court, but Court cannot sit in judicial review on it.
— ANI (@ANI) November 14, 2018
अधिवक्ता प्रशांत भूषण का विरोध किया है। राफेल मामले पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने अधिवक्ता भूषण से कहा, 'हम आपको पूरी सुनवाई का मौका दे रहे हैं। इसका सावधानीपूर्वक इस्तेमाल कीजिए, केवल जरूरी चीजों को ही कहिए।' इसके बाद सुनवाई के दौरान उन्होंने न्यायालय से कहा, 'सरकार गोपनीयता प्रावधान की आड़ ले रही है, उसने राफेल विमानों की कीमत का खुलासा नहीं किया है।'
बुधवार सुबह याचिकाओं पर सुनवाई शुरू होने पर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि एनडीए सरकार ने राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया के तहत मंगवाए गए टेंडर प्रक्रिया से बचने के लिए अंतर-सरकार समझौते का रास्ता अपनाया.
भूषण ने कोर्ट में एक दस्तावेज दाखिल किया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने एक गलती पकड़ते हुए कहा कि जल्दबाजी में वो गलत जानकारी न दें. इसके बाद भूषण ने स्वीकार किया कि जल्दबाजी में उनसे गलती हुई. भूषण ने कहा कि राफेल सौदा विमानों की पुरानी कीमतों के मुकाबले 40 प्रतिशत महंगे में हुई है.
Rafale Jet Deal Case: SC lawyer Prashant Bhushan submits, on pricing there can’t be any secrecy issue when govt itself disclosed the price in Parliament. It’s a bogus argument for govt to say they can’t disclose pricing. In new deal, Rafale jets cost 40% more than earlier deal
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उन्होंने कहा कि इस सौदे के संबंध में फ्रांस सरकार की ओर से कोई शासकीय गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि शुरू में केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इस मुद्दे पर आपत्ति की थी मगर बाद में उसने अंतर-सरकार समझौते के प्रस्ताव पर सहमति जताई.
Rafale deal case: Senior SC lawyer, Prashant Bhushan, also told the Apex Court that there was no sovereign guarantee from the side of the France government in the deal.
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प्रशांत भूषण अपनी और दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी की ओर से कोर्ट में बहस कर रहे थे.
Rafale deal case: Senior SC lawyer, Prashant Bhushan, appearing for former Union minister Arun Shourie, who is also one of the petitioners in the Rafale deal case, submitted to the three-judge Apex Court that only in three situations, the intergovernmental route can be resorted.
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इससे पहले सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने कोर्ट से 5 जजों की बेंच बनाकर इस मामले में सुनवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार ने अदालत को जो सीलबंद लिफाफे सौंपे हैं उसके मुताबिक इस सौदे में भारी भ्रष्टाचार हुआ है.
Rafale deal case: Petitioner advocate ML Sharma tells Supreme Court that report filed by the government in the court reveals that there has been serious fraud while making the decision post May 2015.The petitioner urges Supreme Court that the matter be heard by a five-judge bench
— ANI (@ANI) November 14, 2018
राफेल सौदे की जांच पर सुनवाई खत्म, SC ने सभी याचिकाओं पर सुरक्षित रखा फैसला
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