गुजरात में हाईवोल्टेज चुनाव प्रचार अभियान मंगलवार शाम थम गया. इस प्रचार अभियान ने आरएसएस, वीएचपी और दूसरे हिंदू समूहों के नेताओं और समर्थकों को खुश कर दिया. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का उनका सपना शायद कभी पूरा न हो, लेकिन 'महान हिंदू पुनरुत्थान' का उनका सपना उस गुजरात से संभव होता दिख रहा है, जहां सोमनाथ और द्वारका जैसे एतिहासिक हिंदू मंदिर हैं.
गुजरात चुनाव प्रचार की खासियत हिंदू पहचान पर फोकस के साथ शुरुआत और इस पर खत्म होना रहा. पिछले कई दशकों से ऐसा प्रचार किसी विधानसभा चुनाव में नहीं दिखा. प्रचार के आखिरी दिन कांग्रेस के निर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदू देवता जगन्नाथजी का आशीर्वाद लिया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अम्बाजी देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की. प्रधानमंत्री की हिंदू पहचान बड़ी खबर नहीं है. उन्हें हमेशा से हिंदुत्व को साकार करने वाले शख्स के तौर पर देखा गया. लगभग दो दशकों से 'हिंदू हृदय सम्राट' की उनकी पहचान को आक्रामकता के साथ पूजा और तिरस्कृत किया गया.
हिंदुत्व पर केंद्रित रहा प्रचार
इस चुनाव में कांग्रेस के निर्वाचित अध्यक्ष `पंडित’ राहुल गांधी बन गए. उन्होंने प्रचार अभियान नरम हिंदुत्व पर शुरू किया. नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ उन्होंने इसे प्रतिस्पर्धी हिंदुत्व पर लाकर खत्म किया. उन्होंने न सिर्फ दो दर्जन अहम हिंदू मंदिरों में दर्शन किए बल्कि राज्य में हिंदुत्व के सबसे बड़े पैरोकार पाटीदारों का समर्थन जीतने की पूरी कोशिश की.
यह उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी किसी मस्जिद में नहीं गए. उन्होंने किसी भी मुस्लिम नेता को अपने साथ मंच साझा नहीं करने दिया. यहां तक कि 2002 दंगों के पीड़ितों और शोहराबुद्दीन शेख, कौसर बी और इशरत जहां के लिए जोर-शोर से इंसाफ मांगने वाले एनजीओ भी पूरी तरह खामोश रहे.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी से सहानुभूति रखने वाले लोग वीर सावरकर के एक बयान की ओर ध्यान दिलाते हैं. यह बयान पूरे परिदृश्य को और रोचक बना देता है. सावरकर का बयान हिंदू मंदिरों को लेकर राहुल गांधी में पैदा हुए नए विश्वास और 'गैर-हिंदू' से जनेऊधारी हिंदू बनने के संदर्भ में है.
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उनका कहना है कि कट्टर हिंदू राष्ट्रवादी वीर सावरकर ने भविष्यवाणी की थी कि एक समय ऐसा आएगा जब हिंदू संगठित हो जाएंगे. हिंदुत्व मुख्यधारा में शामिल हो जाएगा. ऐसा होने पर कांग्रेस नेता भी कोट के ऊपर जनेऊ पहनेंगे जिससे उन्हें हिंदू वोट मिल सके.
बीजेपी के एक शीर्ष नेता ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि राहुल गांधी ने सावरकर की भविष्यवाणी को सही साबित कर उनकी आत्मा पर बड़ा उपकार किया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता बलबीर पुंज ने ट्वीट किया: 'गुजरात का स्थान खास है. उसने महात्मा, सरदार और मोदी जैसे नेता दिए हैं, जिन्होंने अपने हिसाब से भारत को बदला. अब इसने राहुल गांधी को बदल दिया. वह अब जनेऊधारी हिंदू बन गए हैं, जिन्होंने कभी हिंदू आतंकवाद का मुद्दा उठाया था. गुजरात को सलाम.'
@sgurumurthy @somkritya Gujarat is special. It gave Mahatma, Sardar and Modi who transformed India in their own way. Now it has transformed RG . He has changed into Janneu Dhari Hindu from someone who raised the bogey of Hindu terror. Salute to Gujarat.
— Balbir Punj (@balbirpunj) November 30, 2017
सोशल मीडिया पर भी हिंदुत्व की राजनीति का मुद्दा
इसके अलावा कई सारे मैसेज, तस्वीरें और वीडियो हैं. ये सब व्हाट्सएप समेत दूसरे सोशल मीडिया पर वायरल हैं. एक वीडियो में राहुल गांधी को कीर्तन के दौरान ताली बजाते दिखाया गया है. इसमें लिखा गया है, 'मोदी ने क्या किया और क्या नहीं, इसकी जानकारी तो नहीं है लेकिन निश्चित रूप से उन्होंने राहुल गांधी को ऐसे कामों में व्यस्त (कीर्तन) कर दिया है.' एक अन्य मैसेज पढ़िए, 'मोदी की तीन बड़ी उपलब्धियां -1. केजरीवाल ने बोलना बंद कर दिया. 2. मनमोहन सिंह ने बोलना शुरू कर दिया. 3. राहुल गांधी जनेऊधारी हिंदू बन गए, वो हर दिन मंदिर जा रहे हैं.'
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अगर राहुल गांधी की कोशिश खुद और कांग्रेस को 'हिंदू' की तरह पेश कर बीजेपी के हिंदू वोट बैंक में सेंध मारने की थी, तो नरेंद्र मोदी धरतीपुत्र और गुजराती अस्मिता का कार्ड खेलना चाहते थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के 'नीच किस्म का आदमी' वाले बयान से मोदी को कांग्रेस के खिलाफ तल्ख हमला बोलने का जरूरी मौका मिल गया. उन्होंने सोनिया गांधी समेत दर्जनभर से अधिक उन वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के नाम गिनाए, जिन्होंने प्रधानमंत्री को बंदर, सांप, बिच्छू, जहर की खेती और भस्मासुर जैसे शब्दों से नवाजा था.
Yamraj Maut Ka Saudagar Ravan Gandi Nali Ka Keeda Monkey Rabies Victim Virus Bhasmasur Gangu Teli Goon These are some words or phrases Congress has used for PM @narendramodi in the past. Not much has changed. We wish them well. We will continue to serve 125 crore Indians.
— Amit Shah (@AmitShah) December 7, 2017
पाकिस्तान के नाम का पैंतरा
इसके बाद मोदी ने युवक कांग्रेस के नेता सलमान निजामी का ट्वीट निकाला. निजामी उस वक्त गुजरात में प्रचार कर रहे थे. उन्होंने मोदी और भारतीय सेना के खिलाफ जहरीली भाषा का इस्तेमाल किया था. निजामी के बयान के सहारे मोदी प्रचार को एक नए भावनात्मक स्तर पर ले गए. यहां उनका सम्मान और गुजराती उप-राष्ट्रवाद सबसे ऊपर था. मणिशंकर अय्यर के घर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और दिल्ली में पाकिस्तान के राजनयिक से मुलाकात की खबर ने प्रधानमंत्री को एक और मौका दे दिया. नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान गुजरात चुनाव में दखल देने की कोशिश कर रहा है और अपने अनुकूल नेता अहमद पटेल को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है.
हालांकि इन आरोपों की सच्चाई पर मीडिया और अकादमिक हलकों में बहस होती रहेगी, लेकिन गुजरात में इसे भावनात्मक मुद्दा बनाने में मोदी सफल हो गए. मनमोहन सिंह और हामिद अंसारी ने पाकिस्तानी नेताओं और राजनयिक के साथ गुजरात चुनाव पर शायद चर्चा की हो या न की हो लेकिन यह बैठक लोगों के मन में संदेह पैदा करने के लिए काफी थी. बैठक उस वक्त हुई, जब गुजरात में चुनाव प्रचार चरम पर था. बैठक मणिशंकर अय्यर के घर पर हुई, जिन्होंने पाकिस्तान में पाकिस्तान से खुलकर यह कहा था कि भारत से बेहतर रिश्तों के लिए उन्हें मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाना होगा.
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आखिर में मोदी बेहद चतुर रणनीतिकार निकले. उन्होंने अहमदाबाद में साबरमती नदी में रिवरफ्रंट पर सी-प्लेन उतरवाया. साबरमती रिवरफ्रंट का सौंदर्यीकरण मोदी का खास प्रोजेक्ट था. इसका मकसद अपना विकास कार्य और विजन दुनिया को दिखाना था. सी-प्लेन की सवारी करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री बन गए. इस फ्लाइट के जरिए वो अम्बाजी देवी के दर्शन करने गए. वो एक बड़ा आयोजन कर विकास पर चर्चा को केंद्र में लाना चाहते थे. इस लिहाज से वो अपने चुनाव अभियान को अपने मनमुताबिक खत्म करने में सफल रहे.
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