गुजरात विधानसभा चुनाव के दो महीने बाद नगरपालिकाओं के चुनाव में बीजेपी को फिर जीत मिली है. लेकिन पिछली बार की तुलना में बीजेपी की सीटों में कमी से पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
इस बार गुजरात में बीजेपी ने 75 नगरपालिकाओं में से 47 में जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस को 16 नगरपालिकाओं में जीत मिली है. इसके अलावा एनसीपी और बीएसपी की झोली में एक-एक नगरपालिका आई है.
बीजेपी की सीटों में आई है कमी
लेकिन पांच साल पहले की तुलना में इस बार बीजेपी की सीटों में कमी देखने को मिल रही है. बीजेपी ने भले ही इस बार भी बड़ी जीत दर्ज की है. लेकिन इस बार नगरपालिकाओं की संख्या 60 से घटकर 47 तक आ गई है. बीजेपी को इस बार 13 सीटों का नुकसान हुआ है. दूसरी तरफ कांग्रेस को 5 सीटों का फायदा हुआ है और उसकी सीटों की संख्या 11 से बढ़कर इस बार 16 हो गई है.
पिछले साल दिसंबर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार छठी बार जीत दर्ज करते हुए 99 सीटें जीतीं थीं, जबकि कांग्रेस को 182 सदस्यीय विधानसभा में 77 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. लेकिन उस वक्त भी कांग्रेस ने बीजेपी को कांटे की टक्कर दी थी.
24 जिलों की 75 नगरपालिकाओं की 2,060 सीटों में से बीजेपी को 1,167 सीटों पर जीत मिली है. जबकि कांग्रेस को महज 630 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है. एनसीपी को 28 और बीएसपी को 15 सीटें मिली हैं. जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में 202 सीटें आई हैं.
मेहसाणा में जबरदस्त जीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह नगर मेहसाणा जिले के वडनगर में बीजेपी ने 28 सीटों में से 27 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है.
मेहसाणा जिले में बीजेपी को मिली जीत पार्टी के मनोबल को बढ़ाने वाला है. क्योंकि पाटीदारों के गढ़ मेहसाणा में आंदोलन का सबसे ज्यादा असर रहा था. ऐसे में स्थानीय निकाय के चुनाव में बीजेपी को मिली एकतरफा जीत से लग रहा है कि धीरे-धीरे पाटीदार आंदोलन के वक्त के गुस्से का असर कम हुआ है. बीजेपी को इन इलाकों में जीत से काफी राहत मिली है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर गुजरात की नगरपालिका में बीजेपी को मिली जीत को गुजरात की जनता का गुजरात की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अटूट विश्वास का परिचायक बताया है.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीटों की संख्या में कमी के बावजूद नगरपालिका में मिली जीत से साफ है कि शहरी क्षेत्रों में पार्टी की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है.
पहले से बेहतर कांग्रेस, लेकिन उल्लेखनीय नहीं
कांग्रेस ने पहले की तुलना में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन इस लायक नहीं है कि उसे बेहतर माना जाए. कांग्रेस के इस प्रदर्शन से साफ है कि अभी भी शहरी क्षेत्रों में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए उसे कड़ी मेहनत करनी होगी.
पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त भी शहरी क्षेत्रों में हार्दिक पटेल की रैली में भारी भीड़ के बावजूद उसे बीजेपी के खिलाफ भुनाने में कांग्रेस सफल नहीं हो सकी थी. गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन कर कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी.
नगरपालिका में बीजेपी ने जीत हासिल कर एक बार फिर से कांग्रेस पर बढ़त बनाने की कोशिश की है. लेकिन पिछली बार की तुलना में कम जगहों पर मिली जीत बीजेपी के लिए चिंता का कारण हो सकता है.
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