दिल्ली में सत्ता सुख लेने के बाद गोवा और पंजाब में अपनी किस्मत आजमा चुकी आम आदमी पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनावों में भी दम भरा. यही नहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आप नेता गोपाल राय को विशेष रूप से गुजरात संभालने के लिए भेजा. लेकिन गुजरात चुनाव परिणाम के हालिया रुझानों से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है.
20 सीटों पर उम्मीदवार उतारने और डोर-टू-डोर अभियान चलाकर भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर खुद को पेश करने वाली आम आदमी पार्टी का एक भी उम्मीदवार रुझानों में टॉप 10 में भी नहीं आ पाया है. ऐसे में गुजरात में कोई विधानसभा सीट जीतना तो दूर अरविंद केजरीवाल की पार्टी की जमानत जब्त होने की भी संभावना जताई जा रही है.
हालिया रुझानों में गांधीनगर नॉर्थ में अपना उम्मीदवार उतारने वाली आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी टॉप 8 में भी शामिल नहीं है. जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी आप के उम्मीदवार से ज्यादा वोट लेकर आगे चल रहे हैं. ऐसे में जमानत जब्त होने की नौबत दिख रही है. ऐसा ही हाल गांधीधाम विधानसभा सीट पर भी है. यहां भी आम आदमी पार्टी टॉप 10 में नहीं है. जबकि यूपी में सिमट चुकी बसपा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से कहीं आगे है. आम आदमी पार्टी ने यहां से गोविंदभाई पूनमचंद को खड़ा किया है.
वहीं सूरत (पूर्व) की बात करें तो यहां आम आदमी पार्टी का हाल बेहद खराब है. वरिष्ठ राजनीतिक संपादक निर्मल पाठक का मानना है कि गुजरात में इस बार चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच ही था. आम आदमी पार्टी ने सिर्फ नाम के लिए वहां प्रत्याशी खड़े किए हैं, क्योंकि एक पार्टी के तौर पर उसे गुजरात में आप का विस्तार करना है. लेकिन वहां से आप को कोई सीट मिलेगी, इसकी उम्मीद नहीं थी.
इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने वहां बहुत ज्यादा मेहनत या दमखम लगाकर भी चुनाव नहीं लड़ा है. लिहाजा अाने वाले परिणाम को भी उसी नजर से देखना चाहिए. गुजरात में आम आदमी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है. इनसे ज्यादा तो निर्दलीय, जेडीयू, बसपा अौर वाघेला का वोट बैंक ज्यादा है. जहां तक रुझानों की बात करें तो आप गुजरात में न के बराबर ही उपस्थिति दर्ज करा पाई है. सूरत में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार वोटों के रुझानों के आधार पर टॉप 18 में भी नहीं हैं . यहां आप को .5 फीसदी भी वोट नहीं मिले हैं. यहां आप ने मुस्लिम प्रत्याशी पर भरोसा दिखाते हुए सलीम अकबर भाई मुल्तान पर दांव लगाया था.
इसके साथ ही विधानसभा सीट करंज में मेहता जिग्नेश धीरज लाल आम आदमी पार्टी से उम्मीदवार हैं. वे यहां बसपा, निर्दलीय उम्मीदवारों के बराबर भी वोट हासिल नहीं कर सके हैं. यहां भी टॉप 10 में नहीं हैं. वहीं कर्तागम में भी आम आदमी पार्टी काफी पीछे है. यहां से आप ने नागाजी भाई बीअम्बालिया को चुनाव में उतारा है.
कर्जन और परदी में आम आदमी पार्टी का हाल बेहद खराब है. यहां उम्मीदवारों को सैकड़ों की संख्या में ही वोट मिले हैं. राजकोट पूर्व में भी पार्टी खराब हार की ओर है. यहां से अजीत भाई लोखिल उम्मीदवार हैं. ऐसे में इन सीटों पर अब तक के रुझानों से ऐसा स्पष्ट हो रहा है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी की गुजरात में जमानत जब्त हो सकती है. यहां तक कि गुजरात और यूपी के निकाय चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन आप को मुंह की खानी पड़ी
(साभार न्यूज 18)
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