बीजेपी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने गुजरात की कमान फिर से विजय रूपाणी के हाथों में दे दी है. वहीं उपमुख्यमंत्री के नाम में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. नितिन पटेल को ही फिर से गुजरात का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. बीजेपी विधायक दल ने विजय रूपाणी को अपना नेता चुना लिया है.
Vijay Rupani to be the Legislature party leader: Arun Jaitley #Gujarat pic.twitter.com/le3874RrVj
— ANI (@ANI) December 22, 2017
Nitin Bhai Patel to be the deputy Legislature party leader #Gujarat pic.twitter.com/RAIOKmNvbR
— ANI (@ANI) December 22, 2017
बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद जेटली ने कहा 'निर्विरोध विजय रुपाणी को विधायक का नेता चुन लिया गया है. नितिन पटेल उपमुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे. जल्दी ही इनके शपथ ग्रहण समारोह के बारे में सूचित किया जाएगा.'
Vijay Rupani chosen as Legislature party leader unanimously, Nitin Bhai Patel as the deputy Legislature party leader in a meeting today. Will inform you all about the swearing in, soon: Arun Jaitley addresses the media in Gandhinagar pic.twitter.com/2lZwO63bAF
— ANI (@ANI) December 22, 2017
अपने नाम के ऐलान के बाद विजय रूपाणी ने कहा 'लोगों ने हमें 27 साल समर्थन किया है. यह बहुत बड़ी जीत है कि लोगों ने हम पर इतने साल विश्वास किया है.'
People have given us mandate for 27 years. It is a huge victory that public has shown faith in us all these years: Vijay Rupani in Gandhinagar #Gujarat pic.twitter.com/nMsBM0S8Bh
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इस बार के गुजरात चुनाव में बीजेपी के 100 अंक से कम पर ही अटक जाने के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि विजय रूपाणी की सीएम की कुर्सी छिन सकती है. राज्य में पटेलों के बीच हार्दिक पटेल के प्रभाव को देखते हुए माना जा रहा था कि किसी पटेल जाति के व्यक्ति को सीएम बनाया जा सकता है जिससे सालों से अपने कोर वोटर रहे समुदाय को फिर से साधा जा सके.
राजनीतिक हलकों से ये खबर भी छनकर आ रही थी कि नितिन पटेल का कद बढ़ाया जा सकता है और उन्हें डिप्टी सीएम की बजाए सीधे राज्य की कमान सौंपी जा सकती है, लेकिन पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने सभी कयासों को धता बताते हुए विजय रूपाणी पर ही अपना भरोसा कायम रखा है. जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाले विजय रूपाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह का करीबी माना जाता है. गुजरात में जैन समुदाय के मतदाताओं की संख्या तकरीबन 5 प्रतिशत के आस-पास है.
इससे पहले भी जब आनंदी बेन पटेल के बाद सीएम दावेदारों के कई नाम चल रहे थे, लेकिन रूपाणी ने पार्टी हाईकमान पर अपने भरोसे की वजह से उस समय भी सीएम बनने में कामयाबी पाई थी.
विजय रूपाणी से सीएम पद लिए जाने का मामले ने तब और ज्यादा तेजी पकड़ी जब गुजरात चुनावों की काउंटिंग हो रही थी. राजकोट पश्चिम सीट से कांग्रेस के इंद्रनील राज्यगुरु सामने थे और काउंटिंग के दौरान उन्होंने कई बार रूपाणी को पीछे छोड़ा.
रूपाणी के नाम पर दोबारा चर्चा की वजह पिछले दो सालों में राज्य में कई विवादों का भी होना है. खुद को पटेलों का मुखिया घोषित कर चुके हार्दिक पटेल के राज्य में तेजी से उभार में आने की वजह से ऐसा माना जा रहा था कि अब बीजेपी पटेलों के मुद्दे पर जरूर कोई काट लेकर सामने आएगी. लेकिन पार्टी ने साफ कर दिया है कि राज्य में सत्ता विजय रूपाणी के हाथों में ही रहेगी और उन्हीं के जरिेए सभी मुद्दों को साधने की कोशिश की जाएगी.
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