योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर में बुधवार को हुए उपचुनाव में बीजेपी को करारी हार मिली. एसपी-बीएसपी के संयुक्त उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने बीजेपी के प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला को हरा दिया. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी के सबसे सुरक्षित गढ़ गोरखपुर में किसी 29 साल के नेता ने बीजेपी की 29 साल की सत्ता को चुनौती दी.
प्रवीण निषाद के लिए यह भले ही पहली जीत हो लेकिन बीजेपी की 29 साल की सत्ता का किसी नौसिखिए नेता के हाथ में जाना बड़ी खबर मानी जा रही है. उसमें तब जब निषाद इस इलाके के कोई बहुत बड़े नाम नहीं हैं. और न ही कोई बहुत बड़े नेता.
हार से पहले गोरखपुर सीट योगी आदित्यनाथ के नाम थी. 1998 से लेकर अबतक उन्होंने लगातार पांच बार जीत दर्ज की. उससे पहले योगी के गुरु योगी अवैद्यनाथ इस सीट से जीत दर्ज करते आ रहे थे. ऐसे में बीजेपी की हार सबको चौंकाने वाली है.
निषाद पहली बार मैदान में उतरे नेता थे. इन्होंने लखनऊ के गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंक की डिग्री ली है. इनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला भी नहीं है. उन्होंने चुनाव आयोग में जो एफिडेविट दर्ज कराया है उसके मुताबिक उनकी कुल प्रॉपर्टी 11 लाख रुपए की है. इसमें 99 हजार रुपए का लोन भी शामिल है. उनकी पत्नी सरकारी नौकरी में हैं और उनके दो बच्चे हैं.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.