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सीएम पर्रिकर के इस्तीफे की मांग के बाद अब राज्यपाल मृदुला सिन्हा के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे आंदोलनकारी

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे नागरिकों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा की निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन का फैसला किया है.

Updated On: Nov 23, 2018 09:47 PM IST

Bhasha

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सीएम पर्रिकर के इस्तीफे की मांग के बाद अब राज्यपाल मृदुला सिन्हा के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे आंदोलनकारी

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे नागरिकों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा की निष्क्रियता के खिलाफ प्रदर्शन का फैसला किया है. आंदोलन से जुड़े एक नेता ने कहा कि वह अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज करेंगे.

सैकड़ों लोगों ने 21 नवंबर को मार्च करते हुए पर्रिकर के आवास के पास पहुंच और उनके इस्तीफे की मांग की. विपक्षी कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने इस प्रदर्शन का समर्थन किया था. आंदोलन के नेता और कार्यकर्ता एरेस रॉड्रिग्स ने कहा, 'बीते नौ महीने से पर्रिकर बीमार हैं. प्रशासन में ठहराव आ गया है. ऐसी स्थिति में राज्यपाल की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह मामले में दखल दें. लेकिन वह चुपचाप सबकुछ देख रही हैं. मंत्री जो चाहते हैं, वो कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'कल से सिर्फ पर्रिकर ही नहीं मृदुला सिन्हा की निष्क्रियता के विरोध में भी हम प्रदर्शन करेंगे. इस तरह के हालात में वह सिर्फ मूकदर्शक बनी नहीं रह सकतीं. कुछ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि गोवा में शासन लौटे.'

आरटीआई कार्यकर्ता राजन घाटे मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले आठ दिन से भूख हड़ताल पर हैं. रॉड्रिग्स ने कहा कि 21 नवंबर को पर्रिकर को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था जिसकी मियाद खत्म हो चुकी है. उन्होंने कहा, 'अब हमने गोवा के समूचे 12 तालुकाओं में आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा, 'हम गोवावासियों को आश्वस्त कर सकते हैं कि 19 दिसंबर से पहले गोवा पर्रिकर से मुक्त हो जायेगा.' पर्रिकर अग्नाशय से संबंधित बीमारी से जूझ रहे हैं. इस साल करीब तीन महीने तक अमेरिका में उनका उपचार चला.

इस्तीफा देना चाहते थे मनोहर पर्रिकर

वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख और राज्य के कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को लेकर एक बड़ा खुलासा किया. सरदेसाई ने बताया कि कैंसर से जूझ रहे पर्रिकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन बीजेपी आलाकमान ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, 'वह (पर्रिकर) मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते थे. जब वह गणेश चतुर्थी पर्व पर अस्पताल में भर्ती हुए तो उन्होंने अपने सभी मंत्रालय अन्य मंत्रियों को सौंपने की इच्छा जाहिर की थी. लेकिन उसके बाद कई चीजें हुईं. बीजेपी आलाकमान ने इसमें हस्तक्षेप किया. इस्तीफा देना या न देना पूरी तरह से उनके (पर्रिकर) के हाथ में नहीं था.'

दूसरी तरफ पर्रिकर के खिलाफ विपक्षी पार्टियों से लेकर गठबंधन साथियों तक में कहीं उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है तो कहीं बीजेपी की गठबंधन साथी उनकी जगह अपना मुख्यमंत्री बनाने की बात उठा रहे है.

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